केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) में 39 साल की गौरवशाली सेवा के बाद सेवानिवृत्त हुए जवान राम प्रवेश सिंह का अपने गांव इनियार में भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर पर आयोजित सम्मान समारोह में ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ उमड़ी।
जैसे ही राम प्रवेश सिंह गांव की सीमा पर पहुंचे, सैकड़ों ग्रामीणों और उनके परिजनों ने फूल-मालाओं से उनका स्वागत किया। ढोल-नगाड़ों के साथ ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ के जयघोष से वातावरण गुंजायमान हो गया। सिंह ने कहा, “देश की सेवा करना मेरा परम कर्तव्य था। यह वर्दी सिर्फ एक परिधान नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी थी, जिसे मैंने पूरे सम्मान के साथ निभाया।”
CRPF में 39 साल की सेवा
राम प्रवेश सिंह ने CRPF में 39 साल तक अपनी सेवाएं दीं, जिस दौरान उन्होंने देश के संवेदनशील और चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में अपनी सेवा दी। जम्मू-कश्मीर से लेकर छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर और दंतेवाड़ा तक, उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी अदम्य साहस और निष्ठा का परिचय दिया।
अपनी सेवा के शुरुआती दौर में ही एक महत्वपूर्ण घटना घटी, जब उन्होंने एक नाकेबंदी के दौरान AK-56 राइफल के साथ एक संदिग्ध व्यक्ति को पकड़ा। उस व्यक्ति ने उन्हें मोटी रिश्वत की पेशकश की, लेकिन सिंह ने राष्ट्रभक्ति की मिसाल पेश करते हुए उसे ठुकरा दिया। उन्होंने कहा, “एक पल के लिए पैसों से आर्थिक इच्छाएं पूरी हो सकती हैं, लेकिन राष्ट्र के साथ छल करना अपने स्वाभिमान से विश्वासघात करने के समान होगा।”
उनका यह अटूट समर्पण और कर्तव्य परायणता पूरे करियर में देखी गई। विभिन्न राज्यों में तैनाती के दौरान उन्होंने कानून व्यवस्था बनाए रखने, आतंकवाद और नक्सलवाद से लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका अनुशासन और कर्तव्य परायणता उनके परिवार से विरासत में मिला, जहां उनके बड़े भाई अजित कुमार सिंह भी CRPF में इंस्पेक्टर के पद पर श्रीलंका में शांति स्थापना के लिए विशेष अभियान का हिस्सा रह चुके हैं।
आयोजित समारोह
समारोह में ग्रामीणों ने सिंह की राष्ट्रसेवा की भूरी-भूरी प्रशंसा की। गांव के बुजुर्गों ने उन्हें आशीर्वाद दिया, जबकि युवाओं ने उनसे प्रेरणा लेने का संकल्प लिया। समारोह में उपस्थित श्याम बहादुर सिंह, चंद्र भूषण सिंह, सुमन, छोटे, आमोद कुमार, मंजू देवी, नंद कुमार सिंह एवं प्रभात ने कहा कि श्री सिंह न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे गांव के लिए गर्व हैं।
इस प्रकार, राम प्रवेश सिंह की सेवानिवृत्ति उनके जीवन के उस अध्याय को समाप्त करती है, जो राष्ट्र के प्रति समर्पण और कर्तव्य परायणता की एक अनूठी मिसाल है।
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