केंद्र सरकार द्वारा एनपीएस में सुधार कर लाई गई ‘यूनिफाइड पेंशन स्कीम’ (यूपीएस) से सरकारी कर्मचारी संतुष्ट नहीं हैं। देशभर के 91 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाली के लिए ऑल इंडिया एनपीएस एम्पलाइज फेडरेशन (एआईएनपीएसईएफ) के बैनर तले एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन चला रहे हैं। इस आंदोलन का नाम ‘नेशनल मिशन फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम भारत’ रखा गया है।
‘नेशनल मिशन फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम भारत’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मंजीत सिंह पटेल ने बताया कि 17 नवंबर को नई दिल्ली में ओपीएस बहाली के लिए ‘पेंशन जयघोष महारैली’ की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। पटेल का दावा है कि जंतर-मंतर पर होने वाली रैली में केंद्र एवं विभिन्न प्रदेशों की सरकारों के कर्मचारी भारी संख्या में शिरकत करेंगे।
एनपीएस कर्मियों का फोकस नाम पर नहीं, बल्कि ओपीएस की आत्मा पर है। फेडरेशन ने केंद्र सरकार से मांग है कि पेंशन की गणना 25 वर्ष के स्थान पर 20 वर्ष की जाए और कर्मचारी के अंशदान पर जीपीएफ की मान्यता रहे, ताकि वह कर्मी को पूरा वापस मिल जाए। पेंशन जयघोष महारैली का समय दोपहर 12 बजे रखा गया है।
केंद्र सरकार ने एनपीएस में सुधार कर एक नई पेंशन योजना ‘यूनिफाइड पेंशन स्कीम’ लागू करने की घोषणा की थी, लेकिन सरकारी कर्मचारी इसे स्वीकार नहीं कर रहे हैं। उनकी मांग है कि पुरानी पेंशन योजना को फिर से बहाल किया जाए। अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (एआईडीईएफ) ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा बुलाई गई कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों की बैठक का बहिष्कार किया था।
एआईडीईएफ के महासचिव सी. श्रीकुमार का कहना है कि कर्मचारियों ने यूपीएस के खिलाफ अपने आंदोलन को दोबारा से प्रारंभ करने का निर्णय लिया है। अंशदायी पेंशन योजना, ‘यूपीएस’ का पुरजोर विरोध किया जाएगा। राज्य सरकार के कर्मचारी संगठनों ने भी यूपीएस को खारिज कर दिया है। कई राज्यों में रैलियां और विरोध कार्यक्रम आयोजजित किए जा रहे हैं।
नेशनल मिशन फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम भारत के अध्यक्ष मंजीत सिंह पटेल ने बताया कि 20 वर्ष की नौकरी के बाद 50 प्रतिशत पेंशन का आधार सुनिश्चित बनाया जाए।