मौजूदा समय में विभिन्न राज्यों के 80 शहरों में सीजीएचएस सेवाएं मुहैया कराई जा रही हैं। इन स्वास्थ्य सेवा सेवाओं का लाभ लगभग 42 लाख लाभार्थी उठा रहे हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने गत सप्ताह अपने आदेशों में कहा है कि कैशलेस सीजीएचएस सुविधा पेंशनभोगियों, संसद के पूर्व सदस्यों, मौजूदा संसद सदस्यों, स्वतंत्रता सेनानियों, सेवारत सीजीएचएस/डीजीएचएस/स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के कर्मचारियों के लिए अनिवार्य है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने 42 लाख सीजीएचएस लाभार्थियों को बड़ी राहत प्रदान की है। ओपीडी में इलाज या अस्पताल में भर्ती होना, इस दौरान पूरी की जाने वाली कई औपचारिकताओं से लाभार्थियों को छूट प्रदान की गई है। अगर कोई लाभार्थी, अस्पताल में भर्ती है तो उसे अनुमति पत्र जमा कराने की आवश्यकता नहीं है। इसके अलावा रेफरल मेमो पर स्टाम्प की अनिवार्यता भी खत्म कर दी गई है। मंत्रालय की हिदायतों में कहा गया है कि सीजीएचएस लाभार्थियों से सीजीएचएस कार्ड की फोटोकॉपी की मांग न की जाए। सीजीएचएस कार्ड को सीजीएचएस ऐप या डिजिलॉकर से सत्यापित किया जा सकता है। सीजीएचएस के तहत पैनल में शामिल अस्पताल, डायग्नोस्टिक/इमेजिंग, नेत्र और दंत चिकित्सा केंद्रों को सीजीएचएस लाभार्थियों को बेहतर सेवाएं प्रदान करनी होंगी।
बता दें कि मौजूदा समय में विभिन्न राज्यों के 80 शहरों में सीजीएचएस सेवाएं मुहैया कराई जा रही हैं। इन स्वास्थ्य सेवा सेवाओं का लाभ लगभग 42 लाख लाभार्थी उठा रहे हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने गत सप्ताह अपने आदेशों में कहा है कि कैशलेस सीजीएचएस सुविधा पेंशनभोगियों, संसद के पूर्व सदस्यों, मौजूदा संसद सदस्यों, स्वतंत्रता सेनानियों, सेवारत सीजीएचएस/डीजीएचएस/स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के कर्मचारियों के लिए अनिवार्य है।
किसी भी अस्पताल में प्रवेश के समय अग्रिम जमा/भुगतान लेने का कोई प्रावधान नहीं है। संक्रमण नियंत्रण के लिए लाभार्थियों से अलग से शुल्क नहीं लिया जाएगा। सभी एचसीओ के लिए संक्रमण नियंत्रण बनाए रखना आवश्यक है। सीजीएचएस पैनल वाला कोई अस्पताल या सेंटर, सीजीएचएस लाभार्थियों से सीजीएचएस कार्ड की फोटोकॉपी की मांग नहीं करेगा। सीजीएचएस कार्ड को सीजीएचएस ऐप या डिजिलॉकर से सत्यापित किया जाएगा। अस्पताल में भर्ती लाभार्थियों और आपातकालीन स्थिति के लिए अलग से अनुमति पत्र लेने की आवश्यकता नहीं होगी। रेफरल मेमो पर स्टाम्प भी अनिवार्य नहीं होगा।
अगर किसी मरीज को कोई नुस्खा बताया जाता है तो वह हमेशा मुद्रित रूप में दिया जाना चाहिए। नुस्खे सामान्य प्रारूप में होने के कारण इस संबंध में सरकार की नीति का सख्ती से पालन करना चाहिए।
आहार अनुपूरक/कॉस्मेटिक वस्तुओं को नुस्खे में शामिल नहीं किया जाना चाहिए। अस्पताल या सेंटर पर एक समर्पित सीजीएचएस कियॉस्क (सहायता डेस्क) स्थापित करना होगा। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि वहां पर सीजीएचएस लाभार्थियों की मदद के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए। नोडल अधिकारी का नाम और संपर्क नंबर प्रमुखता से प्रदर्शित हो। अगर नोडल अधिकारी की स्थिति कोई बदलाव होता है तो इस बारे में तुरंत सीजीएचएस कार्यालय को सूचित किया जाना चाहिए। 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सीजीएचएस लाभार्थियों को सीजीएचएस वेलनेस सेंटर से रेफरल के बिना सीजीएचएस के तहत सूचीबद्ध अस्पतालों के विशेषज्ञों से सीधे ओपीडी परामर्श लेने की अनुमति दी जाएगी। इस मामले में सभी नियम और शर्तें वही रहेंगी, जिनका उल्लेख दिनांक 79.05.2019 और 28.06.2024 को जारी कार्यालय ज्ञापन में किया गया है।
एचसीओ, रेफरल के प्रिंट आउट की एक स्कैन की गई प्रति अपने पास रखेगा। मूल प्रिंट आउट लाभार्थी को लौटा दिया जाएगा। वैध सीजीएचएस कार्ड वाले सेवानिवृत्त एयर इंडिया कर्मचारी भी सभी सीजीएचएस सूचीबद्ध स्वास्थ्य देखभाल संगठनों (एचसीओ) में कैशलेस उपचार के लिए पात्र हैं। उनके बिलों को यूटीआई आईटीएसएल पोर्टल के माध्यम से संसाधित किया जाएगा। सीएस (एमए) लाभार्थी और उनके आश्रित परिवार के सदस्य सीजीएचएस के तहत मान्यता प्राप्त किसी भी एचसीओ से सीजीएचएस दरों पर उपचार प्राप्त कर सकते हैं। डिस्चार्ज के समय पेंशनभोगी लाभार्थियों द्वारा बिलों को सत्यापित और हस्ताक्षरित किया जाना चाहिए। इसे एनएचए पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा।
ओएम दिनांक 28.06.2024 द्वारा जारी दिशानिर्देश बिंदु बी (ii) में केवल अस्पतालों, दंत चिकित्सा और नेत्र देखभाल केंद्रों पर लागू होते हैं। यदि कोई सीजीएचएस लाभार्थी, किसी अन्य सूचीबद्ध डायग्नोस्टिक्स / इमेजिंग केंद्रों में टेस्ट कराना चाहता है तो उसके पास सूचीबद्ध प्राइवेट सेंटर के विशेषज्ञ द्वारा निर्धारित/सलाह का प्रमाण हो। वह सूचीबद्ध एचसीओ, सीजीएचएस वेलनेस सेंटर द्वारा समर्थित होना चाहिए। उक्त सभी नियम, दिल्ली एनसीआर में स्थित ऐसे अस्पताल, जो सीजीएचएस द्वारा सूचीबद्ध हैं, उनके लिए जारी किए गए हैं। इन नियमों का सख्ताई से पालन करना होगा। अगर कोई एचसीओ, इन नियमों का पालन करने में असफल रहता है तो उसे खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। (AMAR UJALA)