दिल्ली उच्च न्यायालय ने पिछले साल 11 जनवरी को दिए अपने एक अहम फैसले में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों ‘सीएपीएफ’ को ‘भारत संघ के सशस्त्र बल’ माना था। अदालत ने इन बलों में लागू ‘एनपीएस’ को स्ट्राइक डाउन कर ओपीएस लागू करने की बात कही थी।
इस फैसले पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में स्टे ले लिया। अब इस मामले की सुनवाई अगस्त में होगी। सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि पांच अगस्त से जो सप्ताह शुरु हो रहा है, उसमें केस को लिस्ट करें। याचिकाकर्ता ‘विशेष अनुमति याचिका’ (एसएलपी) में संशोधन भी कर सकते हैं। कोई नया दस्तावेज जोड़ सकते हैं।
एनपीएस’ को स्ट्राइक डाउन करने की बात
बता दें कि केंद्रीय बलों के जवानों ने गत वर्ष दिल्ली हाईकोर्ट से अपने हक की लड़ाई जीती थी। केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को ‘भारत संघ के सशस्त्र बल’ मानते हुए अदालत ने इनमें लागू ‘एनपीएस’ को स्ट्राइक डाउन करने की बात कही। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था, चाहे कोई आज इन बलों में भर्ती हुआ हो, पहले कभी भर्ती हुआ हो या आने वाले समय में भर्ती होगा, सभी जवान और अधिकारी, पुरानी पेंशन स्कीम के दायरे में आएंगे। केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को लागू नहीं किया। केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट में फरवरी 2024 तक स्थगन आदेश मिल गया। अब सर्वोच्च अदालत ने एसएलपी नंबर 22511/2023, 21758/2023 और डायरी नंबर 52544/2023 व 613/2024 में कहा है कि पांच अगस्त (2024) से जो सप्ताह शुरु हो रहा है, उसमें इस केस को लिस्ट करें। सर्वोच्च अदालत ने एसएलपी में संशोधन करने की भी इजाजत दे दी
दोस्तो अगर आप CAPF से संबंधित सभी ख़बरें पढ़ना चाहते हो तो PARAMILITARY HELP-CAPF का WHATSAPP CHANNEL जरूर FOLLOW करें l