हाईकोर्ट ने दलीलों को सुनने व तथ्यों का अवलोकन करने व सुप्रीम कोर्ट के स्टेट ऑफ पंजाब बनाम रफीक मसीह के वाद का हवाला देते हुए कहा कि कर्मचारियों को किए अधिक वेतन की रिकवरी नहीं की जा सकती। कोर्ट ने आरएएफ कमांडेंट के आदेश पर कर्मचारियों के मासिक वेतन से की जा रही रिकवरी को तत्काल प्रभाव से रोक दिया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरएएफ के 29 सिपाहियों को किए गए अधिक वेतन भुगतान की वसूली पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि वेतन निर्धारण में कर्मचारियों की गलती नहीं है, इसलिए उनसे वसूली नहीं की जा सकती। कमाडेंट, 101 आरएएफ, फाफामऊ के वसूली आदेश पर रोक लगा दी है। साथ ही रजिस्ट्रार अनुपालन को आदेश से कमांडेंट को 48 घंटे में अवगत कराने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की कोर्ट ने लक्ष्मीकांत मिश्रा और 28 अन्य की याचिका पर यह आदेश दिया है। याची अधिवक्ता जुनेद अहमद ने पक्ष रखा
आरएएफ की 101 बटालियन, प्रयागराज में कार्यरत 29 सिपाहियों को वेतन व अन्य भत्ते के रूप में अधिक भुगतान कर दिया गया। आरएएफ कमांडेंट ने किए गए अधिक भुगतान की वसूली के लिए आदेश जारी कर दिया। इस आदेश का याचियों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। याची अधिवक्ता जुनेद अहमद ने दलील दी कि याची ग्रुप सी के कर्मचारी हैं, और वे वेतन के निर्धारण के लिए जिम्मेदार नहीं हैं। इसलिए किए गए अधिक भुगतान की वसूली नहीं की जा सकती।
हाईकोर्ट ने दलीलों को सुनने व तथ्यों का अवलोकन करने व सुप्रीम कोर्ट के स्टेट ऑफ पंजाब बनाम रफीक मसीह के वाद का हवाला देते हुए कहा कि कर्मचारियों को किए अधिक वेतन की रिकवरी नहीं की जा सकती। कोर्ट ने आरएएफ कमांडेंट के आदेश पर कर्मचारियों के मासिक वेतन से की जा रही रिकवरी को तत्काल प्रभाव से रोक दिया है। कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी किया है और तीन हफ्ते में जवाब मांगा है। 30 जुलाई को सुनवाई के लिए तिथि निर्धारित की है।
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बहुत उत्तम कार्य कर रहे हो सर बहुत बहुत शुभकामनाएं
Good job