केंद्रीय एजेंसियों का कहना है कि हमारी बॉर्डर गार्डिंग फोर्स पूरी तरह सतर्क है। कुछ क्षेत्रों में तकनीक के जरिए ड्रोन को गिराने या उसे जाम करने का सिस्टम तैयार किया जा रहा है। बहुत जल्द यह सिस्टम, पंजाब, जम्मू कश्मीर, असम, गुजरात, राजस्थान और उत्तर पूर्व के राज्य, जिनकी सीमा अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर से टच करती है, वहां पर लगाया जाएगा।
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ‘आईएसआई’, आतंकी संगठनों व तस्करों की मदद से जम्मू-कश्मीर और पंजाब में ड्रोन के जरिए हथियार/कारतूस/ड्रग्स के पैकेट गिराने की मौजूदा रफ्तार में तेजी लाने जा रही है। केंद्रीय एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तानी सीमा में लगभग 13 हजार ‘ड्रोन’ की खेप पहुंच गई है। बॉर्डर के करीब सेना की निगरानी वाले स्थान पर पीली टेप के हजारों बंडल पड़े हैं। खास बात है कि ड्रोन व पिस्टल, चीन निर्मित हैं, जबकि कारतूस और ड्रग्स पाकिस्तान की है। ड्रोन की दिशा, सीमा पार ‘जम्मू-कश्मीर’ और ‘पंजाब’ रहेगी। इस बाबत भारत की सुरक्षा एजेंसियों को सीमावर्ती इलाकों में विशेष सतर्कता बरतने के लिए कहा गया है। भारतीय सीमा में मानसून के दौरान, ड्रोन के जरिए पीले रंग के पैकेट गिराए जाने की घटनाओं में तेजी देखने को मिल सकती है।
इस सप्ताह पंजाब ड्रोन के माध्यम से हथियारों की जो खेप भेजी गई थी, उसमें पांच विदेशी पिस्तौल, पांच मैगजीन और कारतूस थे। मौके से दो तस्कर भी गिरफ्तार किए गए थे। पिस्तौल व मैगजीन, चीन निर्मित थी। हथियारों की यह खेप, अमृतसर के घरिंडा क्षेत्र में गिराई गई थी। 18 जुलाई को तरनतारन जिले के कलसेन क्षेत्र में भी पीले रंग का एक पैकेट बरामद किया गया है। इसमें चार पिस्टल, चार खाली मैगजीन और 50 कारतूस मिले हैं। पिस्टल, चीन निर्मित हैं, जबकि कारतूस पाकिस्तान में बने हैं। पहले भी इस तरह की बरामदगी होती रही है। अब पाकिस्तानी आईएसआई द्वारा पंजाब में ड्रोन के जरिए ‘हथियार’ और ‘नशे’ के पैकेट गिराने की रफ्तार बढ़ाई जा रही है। जम्मू कश्मीर में भी ऐसे ही पैकेट गिराए जा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि पंजाब में अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगते गांवों के खेतों में बीएसएफ के जवान पूरी सतर्कता बरतते हैं। खराब मौसम के दौरान कई ड्रोन बच निकलते हैं।
बीएसएफ द्वारा बरामद किए गए सभी ड्रोन चीन निर्मित हैं। हालांकि पाकिस्तान को पहले भी चीन से ड्रोन मिलते रहे हैं। फर्क इतना है कि पहले दो तीन सौ ड्रोन के पार्ट्स आते थे, अब वह संख्या हजारों में है। मौजूदा समय में पाकिस्तानी सीमा के करीब 13 हजार से अधिक चीन निर्मित ड्रोन की खेप पहुंची है। ये सभी तैयार ड्रोन हैं। इनमें अलग से केवल बैटरी डाली जानी है। ये ब्लिंकर रहित ड्रोन हैं। इनमें पहले के मुकाबले, आवाज भी ज्यादा नहीं आती है। अधिकांश ड्रोन, क्वाडकॉप्टर (मॉडल डीजेआई मेविक 3 क्लासिक, मेड इन चाइना) और क्वाडकॉप्टर (मॉडल डीजेआई मेट्रिस 300 आरटीके, मेड इन चाइना) सीरिज के हैं। कई बड़े साइज के ड्रोन भी हैं। इनमें 25 हजार एमएएच की बैटरी लगी हुई है। इनकी मदद से 20-25 किलोग्राम वजन, सीमा पार गिराया जा सकता है। नई खेप के ड्रोन का फ्लाइंग टाइम भी बढ़ाया गया है।
केंद्रीय एजेंसियों का कहना है कि हमारी बॉर्डर गार्डिंग फोर्स पूरी तरह सतर्क है। कुछ क्षेत्रों में तकनीक के जरिए ड्रोन को गिराने या उसे जाम करने का सिस्टम तैयार किया जा रहा है। बहुत जल्द यह सिस्टम, पंजाब, जम्मू कश्मीर, असम, गुजरात, राजस्थान और उत्तर पूर्व के राज्य, जिनकी सीमा अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर से टच करती है, वहां पर लगाया जाएगा।
ड्रोन के साथ जो हथियार, पंजाब या दूसरे राज्यों में गिराए जा रहे हैं, अब वे चीन निर्मित हैं। कारतूस और ड्रग्स के पैकेट, पाकिस्तान में ही तैयार होते हैं। हथियार और ड्रग्स को पीली रेडियम टेप से तैयार किए गए एक बॉक्स में पैक किया जाता है। पीली टेप की वजह से अंधेरे या खराब मौसम में वह ड्रोन, साफ नजर आता है। पाकिस्तान में पहुंची नए ड्रोन की खेप को लेकर सीमावर्ती राज्यों को सतर्क किया गया है। बॉर्डर के इलाकों में गश्त बढ़ाई जा रही है। मानवीय इंटेलिजेंस नेटवर्क का दायरा बढ़ाया जा रहा है।