मधुबनी के मधेपुर प्रखंड के बांकी गांव निवासी सीआरपीएफ जवान अजय कुमार झा (45) शव मंगलवार को उनके घर पहुंचा। शव से पत्नी लिपट कर रो पड़ी। इस दौरान गांव के सैकड़ों लोग मौजूद रहे। गमगीन माहौल में भारत माता की जय का नारे लगाए गए। नम आंखों से गांव वालों ने शहीद को अंतिम विदाई दी।
अजय सोमवार से 10 दिनों की छुट्टी पर आने वाले थे। छुट्टी से एक दिन पहले रविवार को मणिपुर में कुकी उग्रवादियों ने सीआरपीएफ काफिले पर हमला कर दिया, जिसमें अजय शहीद हो गए।
वो 2003 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। पहली पोस्टिंग मोकामा में मिली थी। इसके बाद वो असम गए। यहां से इनकी पोस्टिंग मणिपुर में हुई थी।
अब कुछ तस्वीरें देखिए…




गाड़ी ड्राइव करने के दौरान लगी गोली
मणिपुर में अजय झा को जिस समय गोली लगी, उस समय वो ऑफिसर की गाड़ी ड्राइव कर रहे थे। अजय की शहादत की सूचना उनके साथ काम कर रहे उनके ग्रामीण मुन्ना चौधरी ने उनके माता-पिता को दी। अजय की पत्नी अणु देवी अपने बेटे उषाकर झा (10) और बेटी साक्षी झा (12) के साथ सीआरपीएफ कैंप मुजफ्फरपुर में रहती हैं। वहीं, बड़ा बेटा 21 वर्षीय अमन कुमार झा पटना में रहकर पढ़ाई करता है।

अजय झा के पिता हरिचंद्र झा बताते हैं कि 15 जुलाई का उन्होंने टिकट ले रखा था। वो छुट्टी लेकर सिलीगुड़ी जाने वाले थे। फिर वहां से वो मधुबनी आते। लेकिन, छुट्टी से ठीक एक दिन पहले अजय की शहादत की सूचना मिली।

पिता कहते हैं कि शहीद के परिवार को ध्यान में रखते हुए उनके बड़े लड़के को नौकरी मिले। ताकि परिवार का गुजर बसर चल सके। इधर, शहीद की पत्नी की हालत ठीक नहीं है। वो बिल्कुल गुमसुम हो गई है। वो किसी से बात नहीं कर रही है। उनके सामने अब छोटे-छोटे बच्चों का पालन-पोषण करना दिख रहा है।
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