बंगाल जाते ही आकांक्षा का बदला मन: घर वालों से बनाई दूरी, शहाना से संपर्क में आते ही शादी से किया इंकार,नहीं सुलझी MP के BSF लेडी कॉन्स्टेबल के गायब होने की गुत्थी

जबलपुर। ग्वालियर के बीएसएफ कैंप से लापता हुई दो लेडी कांस्टेबल्स का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। गायब हुई बीएसएफ दो लेडी कांस्टेबल्स में से एक आकांक्षा निखर जबलपुर की रहने वाली है। उसकी खोजबीन के लिए परिजन ग्वालियर के बीएसएफ कैंप से लेकर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद तक पहुंचे, लेकिन कोई कामयाबी हाथ नहीं लगी। दोनों जगहों पर बेटी की तलाश करने के बाद आकांक्षा का परिवार वापस जबलपुर लौट आया है। 

आकांक्षा के परिजनों का आरोप है कि दूसरी लेडी कांस्टेबल शाहाना खातून ने आकांक्षा का ब्रेन वाश किया है। यही वजह है कि शहाना के संपर्क में आने के बाद आकांक्षा का व्यवहार पूरी तरह से बदल चुका है। छुट्टी पर आने के बाद पूजा पाठ और मां नर्मदा के दर्शन करने वाली आकांक्षा में इस बार ऐसा कुछ नहीं किया। बल्कि उसने पूजा पाठ करना भी छोड़ दिया था। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद की रहने वाली शहाना खातून के परिवार पर भी पुलिस और जांच को गुमराह करने के आरोप लग रहे हैं।

इस बीच परिजनों ने लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत में यह खुलासा भी किया है कि मार्च में जब आकांक्षा छुट्टी पर जबलपुर लौटी, तो उसके साथ शहाना खातून भी घर आई थी। इस बीच उसकी गतिविधियां संदिग्ध नजर आई थी। शहाना आकांक्षा के परिवार से ज्यादा घुलने मिलने से बचती रही। आकांक्षा की मां का कहना है कि शाहाना खातून अपना मोबाइल भी किसी को नहीं छूने देती थी। वह सिर्फ बात करती थी तो आकांक्षा से। उसके परिजनों से बातचीत में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि आकांक्षा घर में छुट्टी बिताने के बाद शाहाना के घर यानी कि पश्चिम बंगाल भी जाकर रुकी थी।

See also  हमसफर में छूटा 'हमसफर' का साथ : ट्रेन से गिरकर BSF जवान की मौत, सैन्य सम्मान के साथ हुआ बलिया के लाल का अंतिम संस्कार

शहाना खातून का परिवार नहीं कर रहा मदद

आकांक्षा निखर की मां उर्मिला निखर का कहना है कि शहाना खातून का परिवार सब कुछ जानते हुए भी कुछ भी बताने तैयार नहीं है। फिलहाल इस पूरे मामले की बीएसएफ और पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम जांच कर रही है। जबलपुर का रहने वाला परिवार अभी भी यह समझ नहीं पा रहा है कि आखिर उनकी बेटी आकांक्षा ने ऐसा कदम क्यों उठाया और परिवार से वह क्यों दूर जा रही है। पांच बहनों और एक भाई में से एक आकांक्षा ने BA के बाद PGDCA की पढ़ाई की थी। आकांक्षा पढ़ने में शुरू से ही होनहार रही है।

शहाना खातून से मिलने के बाद पलट गया था मन

आकांक्षा की मां उर्मिला की माने तो आकांक्षा शादी के लिए भी मानसिक रूप से तैयार थी और घर में अक्सर चर्चा होने पर वह यही कहती थी कि परिवार वाले जहां भी कहेंगे वह शादी करने के लिए तैयार रहेंगे वो शादी कर लेगी। बल्कि आकांक्षा अपने परिवार वालों को यह कहा करती थी कि दूसरे शहरों के बजाय जबलपुर में ही शादी करना पसंद करेगी। लेकिन आकांक्षा जब से शहाना खातून के संपर्क में आई है उसने शादी की बातचीत करने से भी इनकार कर दिया था।

See also  हमसफर में छूटा 'हमसफर' का साथ : ट्रेन से गिरकर BSF जवान की मौत, सैन्य सम्मान के साथ हुआ बलिया के लाल का अंतिम संस्कार

पश्चिम बंगाल में 8 साल रही आकांक्षा

आकांक्षा निखर की बीएसएफ में कांस्टेबल की नौकरी लगने के बाद उसकी सबसे पहले तैनाती पश्चिम बंगाल में हुई थी। आकांक्षा ने नौकरी करते हुए पश्चिम बंगाल में ही 8 साल गुजारे थे। 8 साल बाद आकांक्षा निखर की पश्चिम बंगाल से दूसरी पोस्टिंग ग्वालियर हुई थी।

Leave a Comment

error: Content is protected !!