बीजापुर में शनिवार को 12 नक्सलियों ने सरेंडर किया है. इनमें इनामी नक्सली भी शामिल है. सभी ने सीआरपीएफ जवानों के सामने आत्मसमर्पण किया है.
बीजापुर:छत्तीसगढ़ में नक्सली मोर्चे पर लगातार जवानों को सफलता मिल रही है. इस बीच शनिवार को बीजापुर में 12 नक्सलियों ने सरेंडर किया है. इनमें एक दंपति भी शामिल है, जिन पर 6 लाख रुपए का इनाम घोषित है. ये सभी नक्सलियों की खोखली विचारधाराओं से तंग आकर आत्मसमर्पण किए हैं. सभी नक्सलियों ने सीआरपीएफ के अधिकारियों के सामने हथियार डाले हैं.
12 नक्सलियों ने किया सरेंडर दो महिला नक्सली भी शामिल:दरअसल, बीजापुर जिले में 12 नक्सलियों शनिवार को सीआरपीएफ जवानों के सामने आत्मसमर्पण किया है. इनमें एक दंपति भी शामिल हैं, जिन पर 6 लाख रुपये का इनाम घोषित था. इस बारे में पुलिस अधीक्षक जितेंद्र कुमार यादव ने बताया, “नक्सलियों ने वरिष्ठ पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण किया है. ये सभी नक्सली आदिवासियों पर माओवादियों द्वारा किए जा रहे अत्याचारों से निराश थे. इसलिए इनलोगों ने आत्मसमर्पण किया है. आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में दो महिलाएं भी शामिल हैं, जो कि भैरमगढ़, गंगालूर और राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र समितियों के तहत सक्रिय थीं.”
आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को मिलेगा पुनर्वास योजना का लाभ: पुलिस अधीक्षक की मानें तो इन 12 नक्सलियों में से एक मुन्ना मोडियाम राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र समिति का प्लाटून पार्टी समिति सदस्य है, जिस पर 5 लाख रुपये का इनाम घोषित था. उनकी पत्नी जननी मोडियाम, जो कि माओवादियों की सांस्कृतिक शाखा चेतना नाट्य मंडली की प्रमुख थी, उस पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित था. इसके साथ ही राजू पुनेम, पुसनार डीएकेएमएस (दंडकारण्य आदिवासी किसान मजदूर संगठन- माओवादियों की अग्रिम शाखा) के प्रमुख के रूप में सक्रिय था, उस पर एक लाख रुपये का इनाम था. आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को 25,000 रुपये की तत्काल सहायता प्रदान की गई. साथ ही सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों को राज्य सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ दिया जाएगा. पुलिस की मानें तो इस साल बीजापुर जिले में अब तक 123 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, जबकि 273 माओवादियों को गिरफ्तार किया गया है
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