भारत के राष्ट्रपति देश के प्रथम नागरिक होते हैं. देश के पहले नागरिक और तीनों सेनाओं के सर्वोच्च सेनापति होने के नाते इतकी सुरक्षा के लिए भी बेहद खास इंतजाम होते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश के राष्ट्रपति को स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप(SPG) गार्ड नहीं करता है. और न ही राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड यानि एनएसजी (NSG) के जिम्मे राष्ट्रपति की सुरक्षा होती है. भारत के राष्ट्रपति की सुरक्षा जेड प्लस, जेड या वाई श्रेणी में भी नहीं आती है. भारत के राष्ट्रपति की सुरक्षा करते हैं- प्रेसीडेंट्स बॉडी गार्ड्स (PBG).
भारत के राष्ट्रपि के अंगरक्षक यानि प्रेसिडेंट बॉडीगार्ड सेना की सर्वोच्च यूनिट होती है. पीबीजी तीनों विधाओं में पारंगत होती है. प्रेसिडेंट बॉडीगार्ड यूनिट का 250 साल का स्वर्णिम इतिहास रहा है. इनता रुतबा अलग ही होता है.
ब्रिटिश शासनकाल में गवर्नर जनरल वॉरेन हेस्टिंग्स (Warren Hastings) के समय में साल 1773 में ये खास बॉडी गार्ड यूनिट बनाई गई थी. तब इसमें लगभग 48 गार्ड रखे गए थे. इनको वायसराय की हिफाजत के लिए लगाया तैनात किया गया था.
प्रेसिडेंट बॉडीगार्ड सेना की सबसे पुरानी और एलीट रेजिमेंट हैं, इसलिए ये बेहद खास होते हैं. इनके चुनाव की प्रक्रिया बेहद मुश्किल होती है, जो एसपीजी और एनएसजी के कंमाडोज से कम नहीं होती है. ये बेहद सम्मान का पद होता है. इनकी ट्रेनिंग से लेकर सर्विस भी स्पेशल होती है. इसके लिए कठोर ट्रेनिंग होती है, ये ट्रेनिंग केवल महीनों की नहीं बल्कि डेढ़ से दो साल की होती है. देश की 15वीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी इनकी हिफाजत में हैं.
भारत के आजाद होने के बाद भी यह यूनिट खत्म नहीं की गई. 250 सालों से ज्यादा बीत जाने के बाद भी यह सेना की यूनिट देश के राष्ट्रपति की सुरक्षा का जिम्मा संभाले हुए है.
राष्ट्रपति भवन हो या फिर उसके बाहर, राष्ट्रपति इनकी सुरक्षा में ही रहते हैं. इस यूनिट में ज्यादातर जाट, सिख और राजपूत होते हैं. लगभग 170 जवान और दर्जन भर से अधिक अधिकारी महामहिम की सुरक्षा में हैं. इस दस्ते में 11 जूनियर कमीशंड ऑफिसर्स भी होते हैं.
राष्ट्रपति की सुरक्षा दस्ते में शामिल गार्ड्स के लिए कम से कम 6 फीट लंबाई जरूरी होती है. यह दस्ता भारतीय सेना की घुड़सवार रेजिमेंट का अहम अंग होता है.