BSF: सरहद पर तैनात जवानों को लेकर बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) मुख्यालय काफी फिक्रमंद है. इन जवानों की एक बड़ी फिक्र को दूर करने के लिए बीएसएफ एक खास योजना लेकर आई है, जिसको ‘तरंग’ का नाम दिया गया है. इस योजना के तहत, बीएसएफ वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन की मदद से तरंग- अ स्पेशल स्कूल की शुरूआत दिल्ली के छावला से की गई है.
तरंग- अ स्पेशल स्कूल एक बीएसएफ में अपनी तरह का पहला है स्कूल और थेरेपी सेंटर है. यह स्कूल खासतौर पर उन बच्चों के लिए तैयार किया गया है, जिन्हें अपने दैनिक जीवन में विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है. इन बच्चों को बीएसएफ कर्मियों के दिव्यांग बच्चों को आवश्यक शैक्षिक और चिकित्सीय सहायता प्रदान की जाएगी.
बीएसएफ वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन की प्रेसीडेंट स्मिता अग्रवाल के अनुसार, इस सेंटर और स्कूल अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया गया है, जिससे जरूरतमंद बच्चों को चिकित्सीय सहायता की विस्तृत श्रृंखला प्रदान करने में सक्षम है. स्कूल में स्पेशली डिजाइन्ड प्ले रूम, एक्टिविटी रूम, सेंसरी रूम, स्पीच थेरेपी रूम और ऑक्यूपेशनल थेरेपी रूप तैयार किया गया है.
बीएसएफ के महानिदेशक नितिन अग्रवाल ने जल्द ही इसी तरह के सेंटर्स टेकनपुर, कोलकाता, जम्मू और जलपाईगुड़ी में खोलने की बात कही है. जिससे जरूरतमंद जवानों और उनके परिजनों को विशेष मदद उपलब्ध कराई जा सके. उन्होंने कहा कि बीएसएफ अपने जवानों के बच्चों के समग्र विकास के लिए सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराएगा.
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Madam hai sabhi jawano ki familyo ke uper comand kareti hai ho bhi by order