औरंगाबाद के लाल का पैतृक गांव में अंतिम संस्कार, छत्तीसगढ़ में नक्सली से लोहा लेते शहीद हुए थे BSF जवान

बिहार के औरंगाबाद निवासी बीएसएफ जवान मदन सिंह (40) छत्तीसगढ़ में नक्सलियों से लोहा लेते शहीद हो गए थे. शनिवार की देर शाम उनके पैतृक गांव रिसियप थाना क्षेत्र के सड़सा गांव में पार्थिव शरीर लाया गया. शनिवार को मदन सिंह का शव जैसे ही गांव में पहुंचा हजारों की संख्या में भीड़ अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़ी. शहीद के अंतिम दर्शन के दौरान भारत माता की जय के गगनभेदी नारे लगाए गए.

पैतृक गांव में अंतिम संस्कारः अंतिम यात्रा में लोगों ने उनकी शहादत को नमन करते हुए भारत माता की जय, वीर शहीद जिंदाबाद, जब तक सूरज चांद रहेगा मदन तेरा नाम रहेगा जैसे गगनभेदी नारे लगाए. शव लेकर बीएसएफ के जवान जैसे ही उनके घर पहुंचे पत्नी, बच्चों और अन्य परिजन फफक फफककर रो पड़े और उनके करुण चीत्कार से माहौल गमगीन हो गया. मौजूद हर एक व्यक्ति की आंखें नम हो गई.

होली में छुट्टी मना कर ड्यूटी पर गए थेः शहीद बीएसएफ जवान मदन सिंह सड़सा गांव निवासी मानदेव सिंह के तीसरे पुत्र थे. बताया जाता है कि उनकी पोस्टिंग छत्तीसगढ़ में ही थी. आखिरी बार वे इसी वर्ष होली की छुट्टी में अपने गांव आए थे. शहीद मदन सिंह की शादी वर्ष 2001 में संजू देवी से हुई थी जो गांव में ही अपने सास ससुर के साथ रहती है. शहीद का बेटा शिवम रांची में इंटर की पढ़ाई कर रहा है जबकि बेटी सिया नंदिनी बीए फाइनल ईयर की छात्रा है.

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20 जून को शहीदः छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के पंखाजूर में जंगल में रात्रि गश्ती के दौरान 20 जून को नक्सलियों की गोली के शिकार हो गए थे. इस दौरान वे शहीद हो गए थे. शनिवार की शाम पार्थिव शरीर पैतृक गांव पहुंचा. इस दौरान काफी संख्या में लोगों ने अंतिम यात्रा में भाग लिया.

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