BSF जवानों को ‘मरीन कमांडो’ की ट्रेनिंग देगी नौसेना, सर क्रीक में पाकिस्तान रच रहा यह बड़ी साजिश

गुजरात के रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सर क्रीक इलाके में पाकिस्तानी मरीन की गतिविधियों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। वहीं इस इलाके में तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) भी पाकिस्तान की हरकतों को लेकर काफी सजग हो गया है। सैन्य सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान मरीन ने सर क्रीक इलाके में अपनी स्थिति को मजबूत करना शुरू कर दिया है। जिसे देखते हुए भारतीय नौसेना इस इलाके में बीएसएफ के साथ मिल कर काम करेगी। भारतीय नौसेना ने इस इलाके में बीएसएफ की स्थिति को मजबूत करने के लिए बीएसएफ जवानों को मरीन कमांडो की ट्रेनिंग देने की योजना बनाई है। 

दक्षिणी नौसेना कमान में दी जाएगी ट्रेनिंग 
सैन्य सूत्रों ने बताया कि उन्हें इटेंलिजेंस इनपुट मिले हैं कि जिस तरह से पाकिस्तानी मरीन इस इलाके में अपनी गतिविधियां बढ़ा रही है। यह पाकिस्तानी सेना की एक बड़ी साजिश का हिस्सा है। वहीं पाकिस्तान की किसी भी कोशिश का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारतीय सेना तैयार है। इसके लिए रणनीति तैयार कर ली गई है। भारतीय नौसेना से जुड़े सूत्रों ने बताया कि उन्होंने भी बीएसएफ के जवानों को मरीन कमांडो की ट्रेनिंग देने की योजना बनाई है। ट्रेनिंग के लिए पहले बैच में बीएसएफ के 80 जवानों को चयनित किया गया है। यह ट्रेनिंग चेन्नई स्थित दक्षिणी नौसेना कमान में दी जाएगी। आने वाले समय में बीएसएफ की ऐसी 6 बटालियनों को ट्रेनिंग देने की तैयारी है। 

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छह हफ्तों की ट्रेनिंग
भारतीय नौसेना से जुड़े सूत्रों ने बताया कि पहले जो ट्रेनिंग होती थी, वह लैंड बेस्ड होती थी। लेकिन अब जो ट्रेनिंग दी जाएगी, वह वाटर बेस्ड होगी। इस सीमैनशिप, इलेक्ट्रॉनिक्स, नेविगेशन इक्विपमेंट और पानी के अंदर हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जाएगी। यह ट्रेनिंग छह हफ्तों की होगी। खास बात यह होगी कि यह रियलटाइम और रोबस्ट ट्रेनिंग होगी। नेवी सूत्रों के मुताबिक बीएसएफ को दी जाने वाली यह ट्रेनिंग न केवल कच्छ के रण और सर क्रीक इलाके में काम आएगी, बल्कि बांग्लादेश से सटे सुंदरबन इलाके में भी इस ट्रेनिंग का फायदा मिलेगा, जहां बांग्लादेशी तस्कर आए दिन भारतीय सीमा में घुसपैठ करने के नए-नए तरीके खोजते रहते हैं। 

कच्छ के इलाके में भारत के कई अहम प्रतिष्ठान
सेना से जुड़े सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तानी मरीन के प्रशिक्षित कमांडो पानी के अंदर हमला करने की क्षमता रखते हैं और वे “हरामी नाला-सर क्रीक इलाके” के जरिए कच्छ की खाड़ी में घुसने की कोशिश कर सकते हैं। इसके अलावा जैश-ए-मोहम्मद ने भी अपनी एक समुद्री विंग (मैरीटाइम विंग) बनाई है, और उन्हें भी अंडर वाटर ट्रेनिंग दी गई है। उन्होंने बताया कि कच्छ क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों में तेल रिफाइनरियां, जिनमें रिलायंस इंडस्ट्रीज, मुंद्रा और दीनदयाल बंदरगाह और प्रमुख बिजली संयंत्र शामिल हैं। इसके अलावा इस इलाके में कई तीर्थ स्थल भी हैं, जहां पूरे साल तीर्थयात्रियों की भीड़ लगी रहती है। सूत्रों ने बताया कि आतंकियों को लंबी दूरी तक तैरने और पानी में इक्विपमेंट चलाने की ट्रेनिंग दी गई है। सूत्र कहते हैं कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने मुंबई पर 26/11 हमले को अंजाम देने के लिए समुद्री मार्ग का इस्तेमाल किया था, जिसने भारत की समुद्री रक्षा की कमजोरी को आश्चर्यजनक रूप से उजागर किया था

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98 किमी लंबा है सर क्रीक इलाका
गुजरात में बीएसएफ स्थायी अड्डे बनाकर सर क्रीक और हरामी नाला इलाके में अपनी पकड़ मजबूत कर रही है। बीएसएफ को राजस्थान के बाड़मेर से लेकर कच्छ के रण और क्रीक इलाके तक 826 किलोमीटर लंबी भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा का काम सौंपा गया है, जिसमें गुजरात का 85 किलोमीटर तटीय इलाका भी शामिल है। सर क्रीक इलाका कच्छ के रण के दलदली इलाकों में दोनों देशों के बीच 98 किलोमीटर लंबी पानी की एक संकरी पट्टी है, जो अरब सागर में खुलती है। इस क्षेत्र में मौसम और टैरेन दोनों की विपरित परिस्थितियां है। यहां के दलदल में जहरीले सांप और बिच्छू पाए जाते हैं। 

पाकिस्तान बढ़ा रहा हथियारों का जखीरा
सैन्य सूत्रों के मुताबिक कच्छ के रण से सटे इलाके सर क्रीक क्षेत्र में पाकिस्तानी सेना की गतिविधियां बढ़ रही हैं। पाकिस्तानी मरीन नार और दाफा क्रीक के सामने स्थित निगरानी टावरों के पास रहने के लिए क्वार्टर बना रही है, ताकि इस क्षेत्र में चौबीसों घंटे तैनाती की जा सके। इसके अलावा पिछले साल दिसंबर के आखिर में पाकिस्तानी मरीन ने एयर डिफेंस गन रखने के लिए दाफा के पास एक सैंडबैग बैरियर भी बनाया था। वहीं पाकिस्तानी मरीन के लिए अतिरिक्त हथियार भी भिजवाए जा रहे हैं। खुफिया सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान की कोशिश है कि इस इलाके में हर समय कम से कम 6-7 मरीन की तैनाती हो। 

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सर क्रीक में नहीं है भारत-पाक सीमा का निर्धारण
भारतीय नौसेना के सूत्रों ने बताया कि सर क्रीक इलाके में पाकिस्तानी नेवी वहां तैनात पाकिस्तानी सैनिकों को लगातार ट्रेनिंग दे रही है। इस इलाके में पाकिस्तान की तरफ से सैन्य गतिविधियों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। पाकिस्तानी सेना की कोशिश इलाके पर अपना कब्जा मजबूत करने की है। क्योंकि सर क्रीक में भारत-पाक सीमा का अभी तक सीमांकन नहीं हुआ है। पाकिस्तानी सेना ने यहां उथले पानी के लिए छोटे फ्लैट-बॉटम क्राफ्ट खरीदे हैं और इलाके में और सैनिक भेजे हैं। साथ ही, पाकिस्तान ने हाल में कॉसमॉस-क्लास की छोटी पनडुब्बियां भी खरीदी हैं। माना जा रहा है कि उनका इस्तेमाल जल्द ही इस इलाके में किया जा सकता है।

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1 thought on “BSF जवानों को ‘मरीन कमांडो’ की ट्रेनिंग देगी नौसेना, सर क्रीक में पाकिस्तान रच रहा यह बड़ी साजिश”

  1. Sir कैन्टीन का कार्ड कैसे बनेगा
    इस के बारे जानकारी जरूर साझा करना pensioner भी फायदा ले. सके
    धन्यवाद

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