नए बिजली कनेक्शन को भटक रहा BSF जवान का परिवार

बिजली राज्य के नाम से पहचान रखने वाले हिमाचल प्रदेश में एक परिवार ऐसा भी है, जो बीते एक वर्ष से बिना बिजली के ही जिंदगी गुजार रहा है। यह परिवार बीएसएफ जवान का है जो जम्मू में ड्युटी पर तैनात है तथा परिवार बिजली कनेक्शन के लिए बिजली दफ्तरों के चक्कर काट रहा है। यह मामला है उपमंडल घुमारवीं की ग्राम पंचायत डंगार के गांव हरितल्यांगर का है। जहां एक बीएसएफ जवान की पत्नी पिछले एक साल से बिजली कनेक्शन के लिए बोर्ड के चक्कर काट रही है ओर बोर्ड उसे बिजली कनेक्शन नहीं दे रहा है। बीएसएफ जवान की पत्नी रेखा देवी ने बताया कि उसके पति बीएसएफ में कार्यरत हैं। पिछले कई वर्षो से जम्मू-कश्मीर में अपनी सेवाएं दे रहे हैं और घर में उनकी लगभग 100 वर्षीय वृद्ध मां भी है।

उन्होंने कहा कि एक साल पहले उन्होंने अपना नया मकान बनाकर तैयार किया है, लेकिन उसे बिजली का कनेक्शन नहीं मिल पा रहा है। हैरानी इस बात की है कि एक तरफ तो सरकार द्वारा सीमा पर तैनात सैनिकों के परिवारों को तमाम सहूलियत देने की घोषणा कर देती हैं। लेकिन जीते जी उन्हीं सैनिकों को अपने घर के लिए एक अदद बिजली कनेक्शन की जरूरत पड़ जाए, तो इन सभी घोषणाओं पर अफसरशाही भारी पड़ जाती है। बीएसएफ जवान के दो बच्चे हैं, जो बाहरी राज्यो में पढ़ाई करते हैं। उन्होंने बताया कि घर में बूढ़ी मां अक्सर बीमार रहती है।

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पुराने मकान से सडक़ तक आने के लिए माक्कन खड्ड को पार करना पड़ता है, जिस पर न तो कोई पुल बना है और न ही कोई सडक़ है। मां का टांडा मेडिकल कॉलेज व अस्पताल उपचार से उपचार चला है, जहां महीने में दो-तीन बार ले जाना पड़ता है। अकेली होने के कारण रेखा को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। यही कारण है कि उन्होंने अपने पुराने घर से करीब तीन किलोमीटर दूर मेन सडक़ के पास जमीन खरीद कर एक नया मकान बनाया, ताकि वहां से अपनी बूढ़ी सासु मां को अस्पताल ले जाने में आसानी हो सके। महिला के अनुसार सितंबर 2023 को उन्होंने अपना मकान बनाकर पूरा कर लिया। इसके बाद उन्होंने बिजली का कनेक्शन लेने के लिए बोर्ड में आवेदन किया।

बोर्ड ने उन्हें कुछ औपचारिकताएं बताई गईं, जिन्हें करीब एक महीने बाद पूरा कर उन्होंने फाइल बोर्ड में जमा करवा दी। कुछ समय बाद बोर्ड ने पड़ोस के परिवारों से एनओसी लाने की बात कही। इसके बाद महिला ने एक परिवार से एनओसी लाकर बोर्ड में जमा करवा दी। उसके बावजूद बोर्ड ने पड़ोस के सभी परिवारों से एनओसी लेने का आर्डर थमा दिया। महिला के अनुसार पड़ोस के परिवार उसे एनओसी देने से इंकार कर रहे हैं।

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बोर्ड उसे पिछले एक साल से कार्यालय के चक्कर कटवा रहा है, जब तक एनओसी नहीं आएगी तब तक बिजली का कनेक्शन नहीं दिया जाएगा। अब थक हार कर महिला अभी तक अपने पुराने घर में ही रहने को मजबूर है उन्होंने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1100 पर व उच्च अधिकारियो से भी इसकी शिकायत की, लेकिन वहां से भी कोई हल नहीं निकल पाया। रेखा देवी का कहना है कि अगर एक महीने के अंदर उन्हें बिजली कनेक्शन नहीं दिया गया तो मजबूरन उन्हें कोई और कदम उठाना पड़ेगा।

बिजली पोल से घर तक की दूरी ज्यादा होने के कारण सर्विस वायर डालने में परेशानी हो रही है। क्योंकि जिन लोगों की जमीन के ऊपर से सर्विस वायर जानी है वह एनओसी देने से इंकार कर रहे हैं। अन्य विकल्प भी तलाशे जा रहे हैं। जल्द ही कोई विकल्प देखकर कनेक्शन जारी करने की कोशिश की जाएगी।
विवेकानंद शर्मा, सहायक अभियंता, घुमारवीं बिजली बोर्ड

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