केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में ‘पुरानी पेंशन’ बहाली की मांग जोर पकड़ने लगी है। एसोसिएशन के सदस्य, इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृहमंत्री एवं दूसरे मंत्रियों से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपेंगे।
केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में ‘पुरानी पेंशन’ बहाली की मांग जोर पकड़ने लगी है। तेज गर्मी के बीच ‘एलायंस ऑफ ऑल एक्स पैरामिलिट्री फोर्सेस वेलफेयर एसोसिएशन’ का पारा भी चढ़ता जा रहा है। एलायंस के अध्यक्ष एवं पूर्व एडीजी सीआरपीएफ एचआर सिंह का दावा है कि सीएपीएफ में पुरानी पेंशन बहाली नहीं होती है, तो आगामी संसद सत्र के दौरान रामलीला मैदान में विरोध का बिगुल फूंका जाएगा। एसोसिएशन के सदस्य, इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृहमंत्री एवं दूसरे मंत्रियों से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपेंगे। केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में पुरानी पेंशन बहाली का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। पांच अगस्त को इस मामले की सुनवाई होनी है।
एलायंस की बैठक की अध्यक्षता करते हुए एचआर सिंह ने कहा, ओपीएस के अलावा, केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में कल्याण के कई दूसरे मुद्दे भी लंबे समय से पेंडिंग हैं। बैठक के दौरान सर्वसम्मति से कई अहम निर्णय लिए गए। एसोसिएशन के महासचिव रणबीर सिंह के अनुसार, आगामी पांच अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में पैरामिलिट्री पुरानी पेंशन बहाली के मामले की सुनवाई होनी है। उन्हें जवानों के हक में फैसला होने की उम्मीद है। पूर्व एडीजी एचआर सिंह, पूर्व बीएसएफ आईजी एमएल वर्मा व पूर्व आईजी पंजाब पुलिस सुरेश शर्मा का कहना था कि एसोसिएशन द्वारा पीएम सहित दूसरे केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की जाएगी। एसोसिएशन के सदस्य, केंद्रीय मंत्रियों से आग्रह करेंगे कि वे अर्धसैनिक बलों की लंबित मांगों की तरफ ध्यान दें। इन बलों में पुरानी पेंशन बहाल की जाए।
इस मुद्दे को लेकर न केवल सत्ता पक्ष, बल्कि विपक्षी दलों के नेताओं से भी मुलाकात की जाएगी। अर्धसैनिक बलों के कल्याण के लिए राज्य और जिला स्तर पर अर्धसैनिक कल्याण बोर्ड का गठन किया जाए। नई दिल्ली में गुरुवार को हुई बैठक के दौरान एलायंस के हरियाणा कॉर्डिनेटर बलबीर सिंह ने संसद के शीतकालीन सत्र के प्रारंभ में ओपीएस के मुद्दे पर रामलीला मैदान में शांतिपूर्ण रैली करने का प्रस्ताव पेश किया। कोर कमेटी के सभी सदस्यों ने इस प्रस्ताव पर पूर्ण अपनी सहमति जताई। बैठक में पूर्व आईजी आईटीबीपी एसके शर्मा, पूर्व आईजी सीआरपीएफ एमसी पंवार, पूर्व डीआईजी सरदार प्रीतपाल सिंह व पूर्व आईजी उमेद सिंह सीआरपीएफ और अलायंस के कोषाध्यक्ष वीएस कदम सहित कई पदाधिकारी मौजूद रहे।
सीएपीएफ के 11 लाख जवानों/अफसरों ने गत वर्ष ‘पुरानी पेंशन’ बहाली के लिए दिल्ली हाईकोर्ट से अपने हक की लड़ाई जीती थी। इसके बाद केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को लागू नहीं किया। इस मामले में केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से स्टे ले लिया। जब केंद्र सरकार ने स्टे लिया, तभी यह बात साफ हो गई थी कि सरकार सीएपीएफ को पुरानी पेंशन के दायरे में नहीं लाना चाहती। दिल्ली उच्च न्यायालय ने पिछले साल 11 जनवरी को दिए अपने एक अहम फैसले में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों ‘सीएपीएफ’ को ‘भारत संघ के सशस्त्र बल’ माना था। दूसरी तरफ केंद्र सरकार, सीएपीएफ को सिविलियन फोर्स बताती है। अदालत ने इन बलों में लागू ‘एनपीएस’ को स्ट्राइक डाउन करने की बात कही। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था, चाहे कोई आज इन बलों में भर्ती हुआ हो, पहले कभी भर्ती हुआ हो या आने वाले समय में भर्ती होगा, सभी जवान और अधिकारी, पुरानी पेंशन स्कीम के दायरे में आएंगे।
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