यह मामला दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट का है. सीआईएसएफ के इंटेलीजेंस विंग में तैनात कॉन्स्टेबल राजेश राज और कॉन्स्टेबल आदिल खान टर्मिनल टू के बाहर रूटीन गश्त पर थे. इसी दौरान, इन्होंने देखा कि टर्मिनल टू के पार्किंग एरिया में स्काई ब्लू शर्ट और नेवी ब्लू पैंट पहले एक शख्स अपने हाथों से सीने को दबाए बेहोशी की हालत में पड़ा हुआ है.
सीआईएसएफ के इन दोनों जवानों को देखते ही यह समझ में आ गया कि इस शख्स को हार्ट अटैक आया है, जिसके चलते वह बेहोश होकर गिर पड़ा है. सीआईएसएफ के दोनों जवानों ने बिना देरी किए इस शख्स को सीधा किया और कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) देना शुरू कर दिया. कुछ देर की कवायद के बाद बेहोश पड़े इस शख्स की हालत में सकारात्मक बदलाव आने लगे.
सीआईएसएफ के असिस्टेंट इंस्पेक्टर जनरल अखिलेश शुक्ला ने बताया कि सीपीआर देने के बाद इस शख्स को टर्मिनल टू स्थित मेडिकल सेंटर ले जाया गया, जहां पर उसे प्राथमिक उपचार दिया गया और बाद में बेहतर इलाज के लिए मेदांता मेडिकल रूप में शिफ्ट कर दिया गया. सीआईएसएफ के कॉन्स्टेबल राजेश राज और आदिल खान के इस प्रयास से इस शख्स की जान बचा ली गई.
बाद में, पता चला कि पार्किंग में बेहोशी की हालत में मिले शख्स का नाम अश्वनी कुमार कुण्डलिया है और वह इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारी है. वर्तमान समय में वह आईजीआई एयरपोर्ट पर बतौर इमीग्रेशन अधिकारी तैनात हैं. इस तरह, सीआईएसएफ के दोनों जवान इमीग्रेशन ब्यूरो में तैनात इन आईबी अफसर के लिए देवदूत बन गए और समय रहते सीपीआर देकर उनकी जान बचा ली.
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