छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में CRPF को मिली बड़ी सफलता, चार नाबालिग समेत 10 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) को बड़ी सफलता मिली है। दंतेवाड़ा में बुधवार को चार नाबालिगों समेत 10 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सली पड़ोसी नारायणपुर जिले के रेखावाया गांव के रहने वाले हैं। दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक गौरव राय ने बताया कि सभी नक्सली दक्षिण बस्तर क्षेत्र में माओवादियों की इंद्रावती क्षेत्र समिति के तहत काम करते थे।

दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) को बड़ी सफलता मिली है। दंतेवाड़ा में बुधवार को चार नाबालिगों समेत 10 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सली पड़ोसी नारायणपुर जिले के रेखावाया गांव के रहने वाले हैं। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, जून 2020 में शुरू किए ‘लोन वर्राटू’ यानी अपने घर वापस लौटो अभियान के तहत अब तक कुल 815 नक्सलियों ने हिंसा छोड़ दी है।

CRPF अधिकारियों के सामने किया आत्मसमर्पण

दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक गौरव राय ने बताया कि सभी नक्सली दक्षिण बस्तर क्षेत्र में माओवादियों की इंद्रावती क्षेत्र समिति के तहत काम करते थे। एसपी राय ने बताया कि इन दस नक्सलियों ने वरिष्ठ पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण किया। उन्होंने आगे बताया कि सभी नक्सलियों ने लोन वर्राटू अभियान से प्रभावित होकर और खोखली माओवादी विचारधारा से निराश हैं होकर घर वापसी का निर्णय लिया है।

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अब तक 815 नक्सलियों ने की घर वापसी

मालूम हो कि जून 2020 में पुलिस द्वारा शुरू किए गए ‘लोन वर्राटू’ यानी अपने घर वापस लौटो अभियान के तहत अब तक जिले में 815 नक्सलियों ने हिंसा छोड़ दी है, जिनमें 180 ऐसे हैं जिन पर नकद इनाम था। पुलिस अधिकारी के मुताबिक, घर वापसी करने वाले नक्सलियों में अधिकतर माओवादी जनता सरकार मिलिशिया के सदस्य थे।

सभी का होगा पुनर्वास

एसपी राय के मुताबिक, आत्मसमर्पण करने वालों में एक महिला, एक 17 वर्षीय लड़की, दो 17 वर्षीय लड़के और एक 15 वर्षीय लड़का शामिल हैं। उन्होंने आगे बताया कि सभी को माओवादी कैडर के तौर पर उन्हें सड़कें खोदने, सड़कें बंद करने के लिए पेड़ गिराने और नक्सलियों द्वारा बुलाए गए बंद के दौरान पोस्टर और बैनर लगाने जैसे काम दिए गए थे। उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण करने पर सभी को 25-25 हजार रुपये की सहायता दी गई और सरकार की नीति के अनुसार उनका पुनर्वास किया जाएगा।

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