दांतारामगढ़ बीएसएफ मेंे सब-इंस्पेक्टर युवती के परिवार वालों ने उसकी व्यवसायी के बेटे से शादी करवाई। शादी के डेढ़ साल बाद युवती ने कहा कि वह उसके साथ नहीं रह सकती। वह उसे अपना पति नहीं मानती। युवती के परिवार वालों ने डरा-धमकाकर व्यापारी से 19 लाख रुपए व चेक हड़प लिया।
पुलिस ने बताया कि बजरंगलाल जाट निवासी वार्ड 19 दांतारामगढ़ ने मामला दर्ज कराया है कि उसके बेटे कुलदीप की शादी के लिए उसके पास रिछपाल सिंह महला, बनवारी लाल महला (फौजी), मंगली देवी महला पत्नी बनवारी लाल निवासी दादिया रामपुरा व डॉ. भंवर लाल निवासी दांतारामगढ़ आए। इन लोगों ने अपनी बेटी सुप्यार को बीएसएफ में सब-इंस्पेक्टर बताते हुए कहा कि आपके लड़के के साथ रिश्ता करना चाहते हैं।
उसके बाद 15 मार्च 21 को शादी कर दी। कुलदीप को बजरंग लाल के परिजनों ने स्कॉर्पियो गाड़ी गिफ्ट में दी। कुलदीप का विवाह होने के बाद सुप्यार कुछ दिन रहने के बाद ड्यूटी पर चली गई। सुप्यार कई दिन नहीं आई तो कुलदीप उसे लने के लिए पंजाब के बटाला पहुंचा। वहां सुप्यार ने उसे फोन पर धमका दिया।
इससे कुलदीप तनाव में आ गया व अपना फोन बंद कर लिया। बजरंग लाल ने अपने परिवार वालों को वहां भेजा तो वे कुलदीप को वापस लेकर आए। उसके बाद सुप्यार के पिता रिछपाल सिंह ने दिसम्बर 2021 से अगस्त 2022 तक लगातार फोन पर व रामगढ़ घर पर आकर बजरंग लाल उसके पुत्र कुलदीप और परिवार को धमकाया। अगस्त 2022 में सुप्यार व उसके पिता ने बजरंग लाल व उसके पुत्र एवं पूरे परिवार से कहा कि हमारा रिश्ता आपके लड़के व आपके साथ नहीं रह सकता।
सुप्यार ने कहा कि वह लड़के से कोई रिश्ता नहीं रखेगी। उसके बाद वह शादी में हुआ खर्चा मांगने लगी। बजरंग लाल ने कहा कि मैंने अपने पुत्र की बिना दहेज के शादी की है। मेरे पुत्र को गाड़ी भी मेरे परिजनों ने गिफ्ट में दी है। 8 जनवरी 2024 में रिछपाल सिंह ने लिखा-पढ़ी करवाने के बहाने रींगस में बुलाकर शादी मे खर्चे की हां करवा ली। बजरंग लाल से कुछ राशि नकद व बाकी के चार चेक ले लिए।
सुप्यार व रिछपाल सिंह सभी कागजात, रुपए व चारों चेक लेकर भाग गए। कुछ दिनों बाद कुलदीप व बंशीलाल को अपने साथ मलिकपुर अपने घर ले गए। वहां पटवारी, गिरदावर बीरबल जाखड़ के परिवार के श्यामलाल, महेन्द्र व रिछपाल के परिवार के सुभाष महला तथा सुप्यार थे, जहां सभी कागजात पर हस्ताक्षर करवा लिए। फिर बजरंग लाल से 19 लाख रुपए नकद देने की मांग की।
बजरंग लाल व उसके पुत्र कुलदीप एवं बंशीलाल को बंदूक दिखाकर डरा धमका कर दो घंटे तक बैठाये रखकर गेट बंद कर दिया। वहां बजरंग लाल ने रामकुमार व किशन लाल यादव से फोन कर रुपए मंगवाए। इन लोगों ने वहां बजरंग लाल से 19 लाख रुपए हड़प लिए। फिर नोटेरी पब्लिक के पास लेकर गए, जहां पर प्रार्थी पक्ष के सभी के नोटेरी पब्लिक के रजिस्टर में हस्ताक्षर करवाकर कहा कि अब सुप्यार नहीं आएगी। पुलिस जांच कर रही है।
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