CRPF हवलदार ने की खुदकुशी, सुसाइड नोट में लिखा- डिप्टी कमांडेंट करते थे प्रताड़ित

रांची। सीआरपीएफ 133 बटालियन के हवलदार बसंत कुमार (41) ने कीटनाशक दवा खाकर खुदकुशी का प्रयास किया, उन्हें पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के क्रम में रविवार को उनकी मौत हो गयी। उन्होंने अपने मरने के पहले दिये बयान में जगन्नाथपुर पुलिस को बताया कि उसके डिप्टी कमांडेंट (एडीएम) मृत्युंजय कुमार उन्हें एक माह से प्रताड़ित कर रहे थे जिससे तंग आकर उन्होंने खुदकुशी की। उसके मौत के जिम्मेदार उसके डिप्टी कमांडेंट होंगे।

उन्हाेंने पुलिस को बताया कि उन्होंने एक सुसाइड नोट भी लिखा है जिसे उन्होंने व्हाट्सअप में रखा है और अपने पुत्र को भेज दिया है। बसंत कुमार की मौत के बाद उनके पुत्र ऋतु राज का बयान लेकर जगन्नाथपुर पुलिस ने रिम्स में पोस्टमार्टम के बाद शव को उनके पुत्र को सौंप दिया गया। बसंत कुमार वर्तमान में सेक्टर टू के क्वार्टर नंबर-बी-116 में रहते थे। वे मूल रूप से बिहार के बैशाली जिला के धरधरा गांव के निवासी थे।

इस संबंध में जगन्नाथपुर थाना प्रभारी ने बताया कि सीआरपीएफ हवलदार ने आत्महत्या की है, उनके आत्महत्या के पीछे डिप्टी कमांडेंट के प्रताड़ना की बात सामने आयी है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। पोस्टमार्टम के बाद बसंत कुमार का शव सीआरपीएफ कैंप ले जाया गया, वहां उन्हें अंतिम सलामी दी गयी। उसके बाद शव उनके पैतृक आवास बैशाली ले जाया गया। बसंत कुमार का एक पुत्र और एक पुत्री हैं।

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क्या है मामला
हवलदार बसंत कुमार ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि वह 133 बटालियन सेक्टर टू धुर्वा, रांची के अराजपत्रित अधिकारी मेस के मेस कमांडर के रूप में कार्यरत थे। उस मेस के डिप्टी कमांडर(एडीएम) मृत्युंजय कुमार सचिव है। नोट में उन्होंने लिखा है कि उनके द्वारा एक माह से बंसत कुमार को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे है। उनके पास मेस का बिल का लगभग 9000 और लिकर का बिल 6926 तथा नकद 6050 रुपये कुल 21976 रुपये बिल बकाया है। वह हमेशा कहते हैं कि उक्त राशि को एडजस्ट करो। हम छोटा कर्मचारी इतना रुपया कहां से अडजस्ट करे। इसे लेकर हम काफी तनाव में रहते है। इस वजह से सुसाइड करने के अलावा कोई उपाय नहीं है। सीआरपीएफ में हम बहुत छोटे कर्मचारी है, हमारी बातों का दबाया जाता है। इसी कारण बराबर सीआरपीएफ में सुसाइड करने के लिए जवान मजबूर हो जाता है।

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