अब पाकिस्तान के ठगों ने धोखाधड़ी का नया तरीका इस्तेमाल करना शुरु किया है। वे खुद को पुलिस अधिकारी बताते हैं। कहते हैं कि आपका बेटा फलां अपराध में फंस गया है। उसे इतने साल की सजा हो सकती है। अगर उसे बचाना है, तो इतनी राशि भेज दें। पिछले दिनों दूरसंचार विभाग ने ऐसी कॉल को लेकर सचेत किया था।
अगर आपके पास भी पाकिस्तान के नंबरों से फोन आ रहा है तो सावधान हो जाएं। आप ‘साइबर अपराध’ का शिकार हो सकते हैं। पाकिस्तान के नंबर +92 से आने वाले फोन पर जो व्यक्ति बोलता है, वह खुद को पुलिस इंस्पेक्टर बताता है। कभी कभार वह खुद को कोतवाली इंचार्ज कहता है, जबकि उसके व्हाट्सएप प्रोफाइल पर किसी आईपीएस का फोटो लगा होता है। वह आपसे दो तीन बात कहता है। आपका बच्चा फलां कालेज में पढ़ता है, वह रेप केस में फंस गया है। उसकी हालत बहुत खराब है। वह बीमार है। उसके दोस्तों ने उसे साइबर अपराध में फंसा दिया है। उसे बचाना चाहते हो, तो जैसा मैं कहूं, वैसा करो। इस सप्ताह +92 3276453870 से कई लोगों को कॉल की गई हैं। खुद को कोतवाली इंचार्ज बताने वाले पाकिस्तानी ठग ने अपने व्हाट्सएप प्रोफाइल पर सीबीआई के पूर्व चीफ एसके जायसवाल का फोटो लगा रखा है।

पाकिस्तान ठग खुद को कोतवाली इंचार्ज या इंस्पेक्टर बताता है। वह अमूमन व्हाट्सएप कॉल करता है। अपना नाम भी ऐसा बताता है कि जिससे सामने वाले व्यक्ति को यह यकीन हो जाए कि वह भारत के ही किसी प्रांत का रहने वाला है। हरियाणा में रोहतक जिले की एक स्कूल प्राध्यापक के पास शुक्रवार को ऐसा ही फोन आया। उस व्यक्ति ने वीडियो कॉल की थी। जल्दबाजी में फोन उठ गया, तो दूसरी तरफ वाले व्यक्ति ने पहले ही प्राध्यापक के बच्चे का नाम लिया। उसे मालूम था कि वह बच्चा कहीं बाहर पढ़ता है। वह बोला, आपका बच्चा मुसीबत में है। अगर उसे बचाना है, तो भेजे गए लिंक पर क्लिक करें। इससे पहले वह आगे कुछ कहता, प्राध्यापक ने खूब खरी खोटी सुनाई। अपनी कोई डिटेल साझा नहीं की।
बाद में जब प्राध्यापक ने उस व्यक्ति की डिटेल जांची, तो उसके व्हाट्सएप प्रोफाइल पर सीबीआई के पूर्व चीफ एसके जायसवाल का फोटा लगा था। व्हाट्सएप प्रोफाइल के फोटो में जायसवाल का चेहरा साफ नजर आ रहा था। साथ ही सीबीआई का लोगो भी आंशिक तौर पर दिख रहा था। महाराष्ट्र कैडर के आईपीएस (1985 बैच) एसके जायसवाल को मई 2021 में सीबीआई प्रमुख बनाया गया था। उस वक्त वे केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के महानिदेशक के रूप में कार्यरत थे। उससे पहले वे महाराष्ट्र के डीजीपी मुंबई के पुलिस आयुक्त के रूप में भी कार्य कर चुके थे। वे देश की बाहरी खुफिया एजेंसी ‘रिसर्च एंड एनालिसिस विंग’ (रॉ) में भी रहे थे।
पिछले दिनों ग्रेटर नोएडा में भी ऐसी कॉल आई थी। पाकिस्तान के नंबरों से फोन कर साइबर अपराधी, लोगों को उनके बच्चों की किडनैपिंग की बात कह कर उन्हें अपने जाल में फंसाने का प्रयास कर रहे थे। ग्रेटर नोएडा वेस्ट के तुस्याना गांव में रहने वाले व्यक्ति के पास पाकिस्तान के नंबर से फोन आया था। उसमें बच्चे के किडनेप होने की बात कही गई। बच्चे के रोने की आवाज भी सुनाई गई। पाकिस्तानी नंबर से आए उस फोन के व्हाट्सएप पर भी बड़े पुलिस अधिकारी की फोटो लगी थी। ग्रेटर नोएडा की सीनियर सिटीजन सोसायटी में रहने वाले स्वास्थ्य विभाग के एक रिटायर्ड अधिकारी के पास पाकिस्तान के नंबर से फोन आया था। सामने वाले व्यक्ति ने व्हाट्सएप कॉल पर कहा, आपका बेटा हमारे कब्जे में है। रुपये भेजने की मांग की गई। हालांकि साइबर जागरूकता के चलते वह परिवार भी पाकिस्तानी ठगों का शिकार होने से बच गया। पाकिस्तानी ठग, क्यूआर कोड का इस्तेमाल करते हैं। वे सामने वाले के मोबाइल पर वह कोड भेजते हैं। कहते हैं कि इतनी रकम आते ही बच्चे को छोड़ दिया जाएगा।
अब पाकिस्तान के ठगों ने धोखाधड़ी का नया तरीका इस्तेमाल करना शुरु किया है। वे खुद को पुलिस अधिकारी बताते हैं। कहते हैं कि आपका बेटा फलां अपराध में फंस गया है। उसे इतने साल की सजा हो सकती है। अगर उसे बचाना है, तो इतनी राशि भेज दें। पिछले दिनों दूरसंचार विभाग ने ऐसी कॉल को लेकर सचेत किया था। साइबर अपराधी, इस तरह की कॉल के माध्यम से साइबर अपराध/वित्तीय धोखाधड़ी को अंजाम देते हैं। वे धमकी देकर व्यक्तिगत जानकारी प्राप्त करते हैं। +92 से अगर कोई कॉल आती है तो उसका उत्तर न दें। कोई भी जानकारी साझा न करें। www.sancharsaath.gov.in की वेबसाइट पर जाकर रिपोर्ट दर्ज कराएं। साइबर अपराध या वित्तीय धोखाधड़ी का शिकार होने पर साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर ‘1930’ या www.cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें।
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