Samastipur News: पटोरी के एसडीएम विकास पांडेय ने बताया कि दुखद हादसा है। जवान के परिवार के प्रति जिला प्रशासन की पूरी सहानुभूति है। शव को नदी से बाहर निकालने में स्थानीय लोगों ने काफी सहयोग किया है। शव को जब्त कर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा गया है।
बिहार के समस्तीपुर जिले के मोहनपुर थाने के जौनापुर गंगा घाट पर डूबे असम राइफल्स के जवान का शव करीब 16 घंटे बाद गंगा नदी से बाहर निकाला गया। शव जौनापुर घाट के पास ही एसडीआरएफ और स्थानीय गोताखोरों की मदद से बाहर निकाला गया। बाद में मोहनपुर पुलिस ने शव को जब्त कर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया। साथ ही पूरे घटनाक्रम की जानकारी असम सरकार के साथ ही परिवार के लोगों को भी दी गई है। हालांकि अब तक परिवार के लोग नहीं पहुंचे हैं।
जानकारी के मुताबिक, मृतक जवान की पहचान असम के ढुबरी जिला के विलासी पारा थाना क्षेत्र के विलासी पारा निवासी नोरेन राय के बेटे मिंटू राय के रूप में हुई है। मिंटू राय लोकसभा चुनाव ड्यूटी करने के लिए समस्तीपुर आए थे। जहां से उन्हें जौनापुर कैंप भेजा गया था। ईवीएम जमा करने के बाद कैंप लौटे मिंटू अपने दो अन्य मित्रों के साथ गंगा स्नान करने चले गए थे। जहां यह हादसा हो गया। उन दो अन्य मित्रों को स्थानीय लोगों ने पहले ही नदी से बाहर निकाल लिया था। बताया गया है कि तीनों जवानों को तैरना नहीं आता था।
पटोरी के एसडीएम विकास पांडेय ने बताया कि दुखद हादसा है। जवान के परिवार के प्रति जिला प्रशासन की पूरी सहानुभूति है। शव को नदी से बाहर निकालने में स्थानीय लोगों ने काफी सहयोग किया है। शव को जब्त कर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा गया है। घटना को लेकर एक प्राथमिकी भी थाने में दर्ज की जा रही है।
एक नजर में मामला
लोकसभा चुनाव को लेकर असम राइफल्स के जवान मोहिउद्ददीननगर विधानसभा सभा क्षेत्र में कैंप कर रहे थे। मंगलवार सुबह सभी ईवीएम जमा कराने के बाद कैंप लौटे थे। बताया जा रहा है कि चुनावी प्रक्रिया खत्म होने के बाद उक्त तीनों जवान घूमने के लिए निकले थे। इसी दौरान तीनों जवान शाम करीब चार बजे गंगा नदी के जौनापुर घाट पर स्नान करने गए। जबकि जौनापुर घाट पर अभी कटाव रोधी कार्य चल रहा है। प्रशासनिक स्तर पर इस घाट पर स्नान करने को लेकर पाबंदी लगाई गई है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि स्नान करने के दौरान असम राइफल्स के तीनों जवान डूबने लगे। तब घाट पर स्नान कर रहे अन्य लोगों मोनहाजारिवा और दिपून कुमार नामक दो जवानों को बाहर निकाल लिया गया था, जबकि मिंटू को नहीं बचाया जा सका। नदी से बाहर निकले लोगों ने कैंप पर जानकारी दी। उसके बाद प्रशासनिक पदाधिकारियों के बीच हड़कंप मच गया।