लोकसभा चुनाव के दौरान, अपनी ड्यूटी को बेहतर तरीके से अंजाम देने वाले सशस्त्र सीमा बल ‘एसएसबी’ के एक अधिकारी को बदइंतजामी की शिकायत करना भारी पड़ गया। एसएसबी के सीमांत मुख्यालय लखनऊ के डीआईजी (ऑप्स) द्वारा तीन मई को जारी आदेश में डिप्टी कमांडेंट रतीश कुमार पांडे को चुनावी ड्यूटी से हटा दिया गया है।
लोकसभा चुनाव के दौरान विभिन्न जगहों पर तैनात किए गए केंद्रीय अर्धसैनिक बल ‘सीएपीएफ’ जवानों के साथ स्थानीय पुलिस प्रशासन का व्यवहार ठीक नहीं देखा जा रहा। बीते दिनों, उत्तर प्रदेश में ही दो ऐसी घटनाएं सामने आई हैं। पहली घटना, आगरा पुलिस के अधिकार क्षेत्र में हुई थी। सशस्त्र सीमा बल ‘एसएसबी’ के एक अधिकारी को आगरा पुलिस की बदइंतजामी की शिकायत करना भारी पड़ गया था। अब दूसरा मामला भी उत्तर प्रदेश में ही घटित हुआ है। कन्नौज में सीआरपीएफ जवानों की तैनाती की गई। सीआरपीएफ ने जिस जगह पर अपना कैंप स्थापित किया, वहां रात को कन्नौज पुलिस का एसआई, बिना अनुमति के अंदर घुस आया। उसने अपने व्यक्तिगत मोबाइल फोन से सीआरपीएफ कैंप परिसर की फोटोग्राफी की। जवानों एवं सिविल ड्राइवरों के साथ बुरा बर्ताव किया। सीआरपीएफ के कमान अधिकारी ने अपनी शिकायत में कहा है, भविष्य में कन्नौज पुलिस, बल के जवानों को झूठे आरोपों में फंसा सकती है।
मतदान संपन्न कराने कन्नौज पहुंचे थे जवान
एडहॉक समवाय ग्रुप केंद्र नोएडा के कार्यालय कंपनी कमांडर ने पिछले हफ्ते जिला निर्वाचन अधिकारी, कन्नौज को शिकायती पत्र भेजा। इस शिकायती पत्र की प्रति पुलिस उप महानिरीक्षक, ग्रुप केंद्र सीआरपीएफ नोएडा, कमांडेंट एडहॉक 355 बटालियन सीआरपीएफ, पुलिस अधीक्षक कन्नौज और पुलिस कोतवाली, कन्नौज को भेजी गई है। इसमें कई तरह के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। शिकायत के मुताबिक, एडहॉक समवाय ग्रुप केंद्र सीआरपीएफ, ग्रेटर नोएडा, से जवानों की एक कंपनी को चौथे चरण का मतदान संपन्न कराने के लिए कन्नौज भेजा गया था। सीआरपीएफ कंपनी को आठ मई से पुलिस कोतवाली कन्नौज के अंतर्गत क्रिस्टु ज्योति अकादमी, में तैनात किया गया। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि आठ मई की रात को सिविल पुलिस कन्नौज, के उप निरीक्षक सुभाष चंद्र ने सीआरपीएफ के जवानों और एडहॉक समवाय के साथ में अटैच सिविल ड्राइवरों के साथ दुर्व्यवहार किया है।
बिना अनुमति कैंप परिसर की फोटोग्राफी की
शिकायत के अनुसार, आठ मई की रात पौने नौ बजे, सिविल पुलिस कन्नौज के उपनिरीक्षक सुभाष चंद्र, अपने व्यक्तिगत वाहन नंबर ‘यूपी 73जेड 6232’ में सवार होकर कैंप परिसर में पहुंचा। उप निरीक्षक ने बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति व सूचना के कैंप परिसर में प्रवेश किया। इसके बाद उन्होंने अपने मोबाइल फोन से वहां की फोटोग्राफी की। उनका यह कदम, सशस्त्र बल के सुरक्षा मानकों के लिहाज से ठीक नहीं था। उप निरीक्षक ने कैंप परिसर में तैनात जवानों व अटैच सिविल ड्राइवरों पर रोब जमाया। जवानों और ड्राइवरों के साथ बुरा सलूक किया। इतना ही नहीं, एसआई सुभाष चंद्र ने कैंप परिसर के अंदर सुव्यवस्थित खड़े वाहनों के चालान काटने की धमकी दी। जवानों और अटैच ड्राइवरों ने शिकायत की है कि इस तरह से सिविल प्रशासन द्वारा कैंप परिसर में रौब जमाते हुए दहशत बनाने से जवानों के मनोबल को ठेस पहुंची है। उनका मानना है कि भविष्य में जवानों को कन्नौज पुलिस द्वारा, झूठे आरोपों में भी फंसाया जा सकता है।
डीएम ने किया कैंप परिसर का दौरा
कमान अधिकारी ने इस मामले में आरोपी पुलिसकर्मी के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग की है। साथ ही, यह बात सामने आए कि उसने किसके कहने पर ऐसा अशोभनीय कृत्य किया है। इससे केंद्रीय सुरक्षा बल व जिला प्रशासन के संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की पूरी संभावना है। यह मामला, लोकसभा चुनावों को निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण कराने के क्रम में प्रशासनिक एवं परिचालन व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। इस घटना के अगले दिन कन्नौज के डीएम सुब्राहंत कुमार शुक्ल, आईएएस ने कैंप परिसर का दौरा कर जवानों से बातचीत की। उन्होंने जवानों के रहन सहन की व्यवस्था और सामान्य कल्याण के बारे पूछताछ की।
एसएसबी’ अधिकारी को शिकायत करना पड़ा भारी
लोकसभा चुनाव के दौरान, अपनी ड्यूटी को बेहतर तरीके से अंजाम देने वाले सशस्त्र सीमा बल ‘एसएसबी’ के एक अधिकारी को बदइंतजामी की शिकायत करना भारी पड़ गया। एसएसबी के सीमांत मुख्यालय लखनऊ के डीआईजी (ऑप्स) द्वारा तीन मई को जारी आदेश में डिप्टी कमांडेंट रतीश कुमार पांडे को चुनावी ड्यूटी से हटा दिया गया है। एसएसबी सूत्रों के मुताबिक, इतना ही नहीं, डिप्टी कमांडेंट को ‘कारण बताओ नोटिस’ भी जारी किया गया है। इस कार्रवाई को लेकर केंद्रीय अर्धसैनिक बल ‘सीएपीएफ’ के कैडर अफसरों में रोष व्याप्त है। सशस्त्र सीमा बल ‘एसएसबी’ की तदर्थ वाहिनी 722 के कमांड अधिकारी ‘उप कमांडेंट’ रतीश कुमार पांडे द्वारा बीते दिनों बल के आईजी महेश कुमार, सीमांत मुख्यालय लखनऊ को शिकायत भेजी गई थी। इसमें डिप्टी कमांडेंट ने चुनावी ड्यूटी के दौरान स्थानीय पुलिस प्रशासन की बदइंतजामी की शिकायत की थी। उसमें कहा गया कि एसएसबी के डिप्टी कमांडेंट व दूसरे कार्मिकों को रहने की उचित जगह नहीं मिली। वे कई घंटे तक इधर-उधर भटकते रहे।
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