भारत में पिता ने ली अंतिम सांस, सीमापार बेटी ने रखी अंतिम दर्शन की चाहत; BSF की पहल ने जीता दो देशों का दिल

बीएसएफ ने रविवार को एक बयान में बताया कि उत्तर 24 परगना जिले में बल की 68वीं बटालियन की सीमा चौकी मधुपुर के जवानों की पहल से यह संभव हुआ। अधिकारियों ने बताया कि सीमावर्ती गांव मधुपुर के पंचायत सदस्य गणेश दास ने शनिवार को सीमा चौकी मधुपुर के कंपनी कमांडर को आकर बताया कि उसके गांव के रहने वाले बुजुर्ग ताराचंद मंडल (100)का कल रात निधन हो गया है।

कोलकाता। बीएसएफ के दक्षिण बंगाल सीमांत के जवानों ने एक बार फिर मानवता का परिचय देते हुए बांग्लादेशी में रहने वाली बेटी व उसके परिवार के लिए बंगाल में भारत- बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास जीरो लाइन पर उसके मृत भारतीय पिता के अंतिम दर्शन कराने का प्रबंध कर दयालुता का भाव प्रदर्शित किया।

बीएसएफ ने रविवार को एक बयान में बताया कि उत्तर 24 परगना जिले में बल की 68वीं बटालियन की सीमा चौकी मधुपुर के जवानों की पहल से यह संभव हुआ। अधिकारियों ने बताया कि सीमावर्ती गांव मधुपुर के पंचायत सदस्य गणेश दास ने शनिवार को सीमा चौकी मधुपुर के कंपनी कमांडर को आकर बताया कि उसके गांव के रहने वाले बुजुर्ग ताराचंद मंडल (100) का कल रात निधन हो गया है।

उसकी बेटी और रिश्तेदार सीमा पार बांग्लादेश के झेनाइदाह गांव में रहते हैं। उन्होंने बीएसएफ से अनुरोध किया कि उसकी बेटी और रिश्तेदार अपने पिता को आखिरी बार देखना चाहते हैं। यदि बीएसएफ पहल कर दे तो यह संभव हो जाएगा।

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अंतिम विदाई के दौरान माहौल हुआ गमगीन

उनकी बात सुनने के बाद कंपनी कमांडर ने मानवीय और भावनात्मक पहलुओं पर विचार करते हुए तुरंत अपने समकक्ष बार्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के अधिकारियों से संपर्क किया। बीएसएफ के अनुरोध के बाद बीजीबी ने भी कदम आगे बढ़ाया तथा दोनों देशों के सीमा सुरक्षा बलों ने मानवता को सर्वोपरि रखते हुए बांग्लादेश में रहने वाली बेटी और उनके रिश्तेदारों को सीमा के पास अंतिम दर्शन कराने की व्यवस्था की। अंतिम विदाई के दौरान माहौल गमगीन हो गया। मृतक की बेटी और रिश्तेदारों ने पिता के अंतिम दर्शन कराने के लिए बीएसएफ का आभार जताया।

मानवीय मूल्यों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है BSF : अधिकारी

बीएसएफ के जनसंपर्क अधिकारी व डीआइजी एके आर्य ने इस पहल के लिए अपने जवानों की सराहना की। उन्होंने कहा कि बीएसएफ गलत इरादे वाले लोगों के खिलाफ है, लेकिन वह मानवता और मूल्यों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

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