पटना बिहार :
पत्नी के रहते दूसरी शादी एसएसबी जवान को महंगी पड़ गयी। पटना हाईकोर्ट ने जवान की नौकरी से बर्खास्तगी के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए अर्जी को खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति डॉ अंशुमान की एकलपीठ ने मुख्तार अहमद उर्फ मुख्तार अली की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई की। आवेदक के वकील का कहना था कि पत्नी रुखसाना खातून ने बगहा एसएसबी कमांडेंट को लिखित शिकायत की कि ढाई साल पहले उसकी शादी आवेदक से हुई थी। दो बच्ची हुई। लेकिन, उसे बच्चों के साथ मायके में छोड़ दिया गया। खर्चा भी नहीं दे रहे हैं।
शिकायत पर जांच की गई और उसे कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। आवेदक ने नोटिस का जवाब दिया। इसके बाद कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी शुरू की गई। कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी ने आवेदक को बगैर किसी सूचना दिये दूसरी लड़की के साथ शादी करने और दूसरी लड़की के साथ रहने की सूचना नहीं देने का दोषी करार दिया।
कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी की रिपोर्ट के बाद कमांडेंट ने जवान को प्रत्येक माह आठ हजार रुपये पत्नी को देने का आदेश दिया। उनका कहना था कि अधिकारियों के दवाब में आवेदक ने स्वीकार किया कि वह दूसरी शादी की है। जबकि दूसरी शादी का कोई ठोस सबूत सामने नहीं आया।
कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के सामने इकबालिया बयान के आधार पर जवान को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। उनका कहना था कि पत्नी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण उसने शिकायत की थी। आवेदक के वकील का कहना था कि आवेदक की पत्नी साथ रहने को तैयार है और दूसरी शादी नहीं किये जाने को लेकर अपना बयान दर्ज कराने को राजी हैं। वहीं केंद्र सरकार के वकील ने अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि आवेदक का जवाब और कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी की रिपोर्ट के बाद ही उसे नौकरी से बर्खास्त किया गया है। कोर्ट ने आवेदक की ओर से दी गई हर दलील को नामंजूर करते हुए अर्जी खारिज कर दी।
NEWS SOURCE – HINDUSTAN