CRPF के हाई रैंक अधिकारी पर यौन उत्पीड़न का आरोप, गृह मंत्रालय की मंजूरी के बाद बर्खास्तगी का आदेश

नई दिल्ली: केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के एक बड़े अधिकारी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है। सूत्रों के मुताबिक, सीआरपीएफ के डीआईजी पर महिलाओं का आरोप हैं कि वो उनके साथ गंदी हरकत करते थे। आरोप के बाद अधिकारी को बर्खास्त करने के आदेश दिए गए हैं। सरकारी जांच में आरोप सही पाए जाने के बाद केंद्रीय लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिफारिश और गृह मंत्रालय (MHA) की मंजूरी के बाद यह कार्रवाई की गई है। कई महिला CRPF कर्मियों की ओर से यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद देश के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल ने UPSC को एक रिपोर्ट सौंपी, जिसके बाद MHA ने उसे बर्खास्त करने का अनुरोध किया था।

अधिकारी को बर्खास्त करने के लिए गृह मंत्रालय की मंजूरी
एक वरिष्ठ अधिकारी ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि सीआरपीएफ ने उस अधिकारी के आचरण की जांच की, नियमों के अनुसार प्रक्रिया पूरी की और यूपीएससी को रिपोर्ट भेजी। यूपीएससी ने बाद में, सेवा से बर्खास्तगी की सलाह दी, जिसे गृह मंत्रालय ने भी मंजूरी दे दी है। इसी के आधार पर सीआरपीएफ ने बर्खास्तगी का नोटिस जारी किया है। बता दें कि सीआरपीएफ के मुख्य खेल अधिकारी बनने से पहले खजान सिंह 1986 के सियोल एशियाई खेलों में 200 मीटर बटरफ्लाई स्पर्धा में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं और उन्होंने उसमें रजत पदक जीता था। गौरतलब है कि ये पदक भारत के लिए 1951 के बाद इस खेल में पहला पदक था।

See also  मणिपुर: CRPF जवान ने 2 साथियों की हत्या की, फिर खुद को मारी गोली, घटना में 8 जवान घायल

अपने ऊपर लगे आरोपों को बताया था झूठा
खजान सिंह अभी मुंबई में तैनात हैं। उनके तरफ से अभी तक कोई बयान नहीं दिया गया है। उन्हें बर्खास्तगी के नोटिस का जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है। उन पर दो आरोप हैं, जिनमें से एक मामले में बर्खास्तगी की कार्रवाई शुरू कर दी गई है, दूसरे मामले की जांच अभी चल रही है। उन्होंने पहले इन आरोपों को पूरी तरह से झूठे बताते हुए खारिज कर दिया था और दावा किया था कि ये उनकी छवि खराब करने के लिए लगाए गए हैं। लगभग 3.25 लाख कर्मियों वाला सीआरपीएफ बल 1986 में पहली बार महिलाओं को लड़ाकू दस्तों में शामिल करने वाला बल बना था। अब इसमें छह महिला बटालियन हैं, जिनमें कुल 8,000 महिला कर्मी शामिल हैं। इसके अलावा, महिलाएं सीआरपीएफ में खेल और विभिन्न प्रशासनिक पदों पर भी काम करती हैं।

Leave a Comment

error: Content is protected !!