राजस्थान के बाड़मेर में बीएसएफ की 76वीं बटालियन में तैनात सिपाही ‘जीडी’ श्रीनिवास, पर आरोप लगा था कि उसने महिला सिपाही ‘कुक’ के साथ छेड़छाड़ की है। यह घटना, सात मार्च की शाम को हुई थी। आरोप है कि मैस के भीतर सिपाही श्रीनिवास ने महिला कुक ‘सिपाही’ का हाथ पकड़ा। उसे आई लव यू कहा।
देश के दो बड़े केंद्रीय अर्धसैनिक बल, सीआरपीएफ और बीएसएफ में तकरीबन एक जैसे दो मामले सामने आए हैं। दोनों मामलों में ही यौन शोषण की बात कही गई। अगर कार्रवाई की बात करें, तो उसमें बहुत फर्क नजर आया। सीआरपीएफ के एडीजी और उत्तर प्रदेश कैडर के 1994 बैच के आईपीएस बिनोद कुमार सिंह को केवल इतनी सजा मिली कि तो उन्हें निर्धारित समय से पहले उनके मूल कैडर में वापस भेज दिया गया। अब बात आती है कि बीएसएफ के सिपाही की। बीएसएफ की ‘समरी सिक्योरिटी फोर्स कोर्ट’ ने आरोपी सिपाही श्रीनिवास को नौकरी से ही बर्खास्त कर दिया।
महिला कुक सिपाही का हाथ पकड़ा
राजस्थान के बाड़मेर में बीएसएफ की 76वीं बटालियन में तैनात सिपाही ‘जीडी’ श्रीनिवास, पर आरोप लगा था कि उसने महिला सिपाही ‘कुक’ के साथ छेड़छाड़ की है। यह घटना, सात मार्च की शाम को हुई थी। आरोप है कि मैस के भीतर सिपाही श्रीनिवास ने महिला कुक ‘सिपाही’ का हाथ पकड़ा। उसे आई लव यू कहा। साथ ही यह भी आरोप है कि उसने महिला कर्मी से गले लगने का इशारा किया। बीएसएफ ने इसे यौन शोषण का केस माना। बीएसएफ एक्ट 1968 सेक्शन 46, रीड विद् 354ए (1) आईपीसी के तहत कार्रवाई कर दी गई। सीमा सुरक्षा बल की ‘समरी सिक्योरिटी फोर्स कोर्ट’ ने आरोपी सिपाही श्रीनिवास को नौकरी से निकाल दिया।
जानकारों का कहना है कि अगर इस मामले में आईपीसी की धाराएं लगाई गई हैं, तो उस स्थिति में साक्ष्य अधिनियम लागू होता है। ऐसे मामले में आरोप को साबित करना बेहद मुश्किल होता है। सिपाही को नौकरी से निकाले जाने के आदेश में महिला कर्मी द्वारा शिकायत देने का कहीं कोई जिक्र नहीं है। हालांकि सिपाही श्रीनिवास को यह छूट दी गई है कि वह आईजी बीएसएफ ‘गुजरात सेक्टर’ के दफ्तर में अपील कर सकते हैं।
एयरपोर्ट पर छेड़छाड़ का मामला
दूसरा मामला उत्तर प्रदेश कैडर के 1994 बैच के आईपीएस बिनोद कुमार सिंह, जो सीआरपीएफ में नॉर्थ ईस्ट जोन के एडीजी थे, उनसे जुड़ा है। उन पर यौन शोषण का गंभीर आरोप लगा है। आरोप में कहा गया है कि गुवाहाटी के एलजीबीआई एयरपोर्ट पर सीआरपीएफ एडीजी ने महिला कर्मी को जबरदस्ती खींचकर आलिंगन किया था। उन्होंने महिला कर्मी की मुस्कान, दांत और होठों को लेकर टिप्पणी की। एलजीबीआई एयरपोर्ट गुवाहाटी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। प्रारंभिक जांच में मामला सही पाया गया। जब इस मामले की दिल्ली तक पहुंची, तो केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आईपीएस को उनके मूल कैडर में भेज दिया। दूसरी तरफ शिकायतकर्ता महिला कर्मी ने कहा, एडीजी ने उनसे क्षमा मांग ली है। अब वे इस मामले को आगे बढ़ाना नहीं चाहतीं।
NEWS SOURCE – AMAR UJALA