CRPF जवान बी. रामदास के जीवन की कहानी अदम्य साहस से भरी हुई , हमले में दोनों पैर खो दिए थे कोबरा जवान ने

29 नवंबर 2017 को 24 कमांडोज की 208 COBRA की एक टीम सहायक कमांडेंट ए.के. श्रीवास्तव की अगुवाई में पडोली जंगल में पेट्रोलिंग कर रही थी. यह जंगल नक्सल प्रभावित क्षेत्र में आता है. इस टीम में कॉन्स्टेबल बी. रामदास नेविगेटर थे. दोपहर के करीब 1.30 बजे कंसाराम गांव के पास जंगल में एक आइईडी ब्लास्ट हुआ. यह नक्सलियों ने प्लांट किया था.  इस ब्लास्ट में रामदास बुरी तरह घायल हो गए.

उन्हें पास के किस्तराम पोस्ट ले जाया गया. रामदास की दोनों टांगें और बायां हाथ बुरी तरह जख्मी हो गया था. इस पोस्ट में उन्हें फर्स्ट ऐड देकर हेलिकॉप्टर से रायपुर भेजा गया. रायपुर के नारायणा अस्पताल में रामदास को भर्ती करवाया गया. रात को उनका ऑपरेशन हुआ. उनकी जान बचाने के लिए उनके दोनों पैर घुटने के ऊपर से काटने पड़े. लेकिन किस्मत से उनका ज़ख्मी हाथ बच गया.

दोनों पैर गंवाकर भी रामदास ने हौसला नहीं खोया. उनकी बटालियन के साथियों ने उनका बहुत हौसला बढ़ाया, जिससे वो साइकोलॉजिकली जल्दी रिकवर हुए. फिजिकल रिकवरी होने पर रामदास ने वापस ड्यूटी जॉइन करने की इच्छा जताई.

फोर्स जॉइन करने के लिए उन्हें कृत्रिम पैर लगाए गए. कृत्रिम पैर लगने के बाद 27 मई, 2018 को रामदास ने अपनी यूनिट जॉइन कर ली. यूनिट जॉइन करने पर उनके साथियों ने उनका स्वागत किया.

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