ठगों ने सीआरपीएफ की 48वीं बटालियन के एक एसआई को अपने जाल में फंसाया। पहले उन्होंने इंटरनेट बैंकिंग के जरिए पांच रुपये का सर्विस चार्ज चुकाने को कहा। इसके बाद उनके खाते से 2,97,615 रुपये निकाल लिए गए। बल के जवानों का कहना है कि ऐसे धोखाधड़ी के मामले बढ़ते जा रहे हैं।
ऑनलाइन ठग अब केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवानों को अपना निशाना बना रहे हैं। विभिन्न बलों में ऑनलाइन ठगी के कई मामले सामने आए हैं। देश के सबसे बड़े केंद्रीय अर्धसैनिक बल ‘सीआरपीएफ’ के जवान भी इन ठगों से बच नहीं पाए हैं। हाल ही में, सीआरपीएफ की 48वीं बटालियन के एक एसआई को ठगों ने अपने जाल में फंसाया। उन्होंने पहले इंटरनेट बैंकिंग के जरिए 5 रुपये का सर्विस चार्ज चुकाने को कहा। इसके बाद उनके खाते से 2,97,615 रुपये निकाल लिए। बल के जवानों का कहना है कि ऐसे मामले लगातार बढ़ रहे हैं।
अधिकांश मामलों में फाइलें एक विभाग से दूसरे विभाग में भटकती रहती हैं, लेकिन पीड़ित जवानों को उनकी धोखाधड़ी से गायब हुई राशि वापस नहीं मिल पाती। जवानों का आग्रह है कि मुख्यालय इन मामलों में संबंधित विभागों के साथ मिलकर त्वरित कार्रवाई करे, ताकि पीड़ितों को न्याय मिल सके।
9 मार्च को सीआरपीएफ के एक एसआई के मोबाइल फोन पर एक कॉल आई। कॉलर ने खुद को एक दूरसंचार कंपनी का कस्टमर केयर प्रतिनिधि बताया और एसआई से कहा कि वो अपने सिम कार्ड का केवाईसी करा लें, नहीं तो उनका मोबाइल नंबर बंद हो जाएगा। एसआई ने कॉलर को एक धोखेबाज़ होने का शक हुआ और उन्होंने कहा कि वो कुछ भी कराने वाले नहीं हैं। इसके बाद एसआई ने कॉल कट कर दी। थोड़ी देर बाद दूसरे नंबर से फिर से कॉल आई और एसआई का नंबर बंद हो गया। एसआई को फिर से केवाईसी के लिए कहा गया। एसआई ने उसी नंबर पर कॉल करके अपना सिम खोलने की कोशिश की लेकिन उनसे जुहू ऐप डाउनलोड करने को कहा गया। यह एक धोखाधड़ी का प्रयास था।
केवाईसी अपडेट करने के बाद, कॉलर ने कार्मिक से पांच रुपये का सर्विस चार्ज भुगतान करने को कहा। कार्मिक ने इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से भुगतान कर दिया। फिर भी उनका एसआई नंबर एक्टिव नहीं हुआ। कार्ड निष्क्रिय होने की वजह से, कार्मिक ने दूरसंचार कंपनी के ऐप से सिम के बारे में जानकारी ली। उन्हें अपने पोस्टपेड बिल की जानकारी मिली। बिल का भुगतान करते समय पता चला कि उनके खाते में कोई पैसा नहीं था। बैंक खाते की जाँच में पाया गया कि हाल ही में 2,97,615 रुपये की धोखाधड़ी हुई थी। कार्मिक ने मामले की शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद, पुलिस ने कहा कि ऐसे फ्रॉड कॉल से सावधान रहें। अपना पिन, पासवर्ड, कार्ड नंबर, सीवीवी नंबर और ओटीपी किसी के साथ साझा न करें।