केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के 11 लाख जवानों के लिए एक अच्छी खबर है। गृह मंत्रालय ने सीएपीएफ कैंटीन पर मिलने वाले उत्पादों पर 50% जीएसटी छूट देने का निर्णय लिया है। सोमवार को गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक कार्यालय ज्ञापन में कहा गया है कि केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार से सामान खरीदने पर 50% जीएसटी छूट 1 अप्रैल 2024 से लागू होगी। यह छूट बजट के माध्यम से प्रदान की जाएगी।
कन्फेडरेशन ऑफ एक्स पैरामिलिट्री फोर्सेस मार्टियरस वेलफेयर एसोसिएशन, जो 20 लाख पैरामिलिट्री परिवारों के हितों की रक्षा करती है, लंबे समय से सीएपीएफ कैंटीनों में बिकने वाले उत्पादों पर जीएसटी में छूट की मांग कर रही थी। इस मांग को लेकर एसोसिएशन ने कई केंद्रीय मंत्रियों और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को ज्ञापन भी सौंपा था। एसोसिएशन का कहना था कि जीएसटी के कारण सीपीसी कैंटीन पर टैक्स बोझ से पैरामिलिट्री परिवारों का घरेलू बजट बिगड़ जाता है, इसलिए सीएपीएफ कैंटीनों में बिकने वाले उत्पादों पर सेना कैंटीनों की तरह 50% जीएसटी छूट दी जानी चाहिए।
सेंट्रल पुलिस कैंटीन (सीपीसी) की स्थापना केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवानों और उनके परिवारों के लिए 26 सितंबर 2006 को की गई थी, जैसा कि एसोसिएशन के चेयरमैन एवं पूर्व एडीजी एचआर सिंह और महासचिव रणबीर सिंह ने बताया। सीपीसी कैंटीन का उद्देश्य जवानों को बाजार भाव की तुलना में कम कीमत पर घरेलू सामान उपलब्ध कराना था। सीपीसी कैंटीन स्थापित होने से पहले सुरक्षा बलों की यूनिटें सेना की कैंटीन से घरेलू उपयोग के सामान खरीदती थीं। देशभर में लगभग 119 मास्टर कैंटीन और 1778 सीपीसी कैंटीन हैं। यदि सीपीसी कैंटीन में मिलने वाली वस्तुओं को थोक में खरीदा जाए तो कैंटीन और बाजार की कीमतों में कोई अंतर नहीं रह जाता।
एसोसिएशन के पदाधिकारियों के मुताबिक, अब सीपीसी कैंटीन का नाम बदलकर केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार कर दिया गया है। 2020 में प्रधानमंत्री मोदी ने ‘वोकल फॉर लोकल’ का नारा दिया था, जिसका असर सीपीसी कैंटीन पर देखने को मिला। केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर 1 जून 2020 से केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार कैंटीनों में स्वदेशी वस्तुओं के इस्तेमाल पर जोर दिया गया। जीएसटी लागू होने से पहले बिहार, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, मणिपुर, मेघालय, हरियाणा, राजस्थान, झारखंड, तमिलनाडु, ओडिशा और केरल जैसे कई राज्यों ने सीपीसी कैंटीन में मिलने वाली वस्तुओं पर वैल्यू एडेड टैक्स (वैट) की छूट दी थी। जीएसटी लागू होने के बाद, बजट में राहत देने की बात कही गई थी। लेकिन इसके बाद कोई राहत नहीं मिली और कैंटीनों के सामान पर जीएसटी लागू हो गया।
इससे 20 लाख पैरामिलिट्री परिवारों का घरेलू बजट बिगड़ गया। एसपीजी और एनएसजी के साथ राज्यों के लाखों सिविल पुलिस परिवार भी प्रभावित हुए। 14 नवंबर 2019 को एसोसिएशन के एक प्रतिनिधिमंडल ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मिलकर उन्हें सीपीसी कैंटीन पर 50% जीएसटी छूट देने का ज्ञापन सौंपा था। तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को सीएसडी कैंटीन की तरह सीपीसी कैंटीन के उत्पादों पर 50% जीएसटी छूट देने के लिए पत्र लिखा गया था।